भोपाल। विधानसभा सत्र के दौरान ट्रैक्टरों से पहुंचने के कांग्रेस के ऐलान की हवा उस समय निकल गई थी, जब कांग्रेस द्वारा दिए गए धरने में पार्टी के बड़े नेता हाथों में सांकेतिक ट्रेक्टर लिए दिखाई दिए थे। प्रदर्शन की पूरी तैयारियों के बावजूद इसको अमलीजामा न पहनाए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर कई आरोप भी लगे हैं। इधर प्रदेश में किसानों के सहारे पुर्नजीवित होती दिखाई दे रही कांग्रेस के बड़े सारथी के रूप में पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव नजर आने लगे हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार किए जा रहे सम्मेलन और रैलियों के दौरान वे ही ट्रेक्टर का स्टेयरिंग संभाले दिखाई दे रहे हैं, जबकि पार्टी के आला नेता उनके अगल-बगल नजर आ रहे हैं। पार्टी द्वारा 15 जनवरी को किए जाने वाले बड़े आंदोलन को भी अरुण यादव के दबाव का ही नतीजा माना जा रहा है। कहा यह भी जाने लगा है कि किसान सम्मेलनों और ट्रैक्टर रैलियों के सहारे हुई इस शुरूआत का अंतिम छोर यादव की पुन: पीसीसी चीफ के रूप में ताजपोशी के रूप में खत्म होने वाला है।
सिरोंज, रेहटी और उसके अगले चरण में गुरूवार को देवास में निकाली गई ट्रेक्टर रैली में अरुण यादव एक बार फिर सारथी के रूप में दिखाई दिए। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जयवर्धन सिंह के अलावा जिला कांग्रेसाध्यक्ष अशोक पटेल इस रैली में शामिल थे। इससे पहले हुर्इं रैलियों में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और युवक कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. विक्रांत सिंह भूरिया ने भी भागीदारी की थी। इससे पहले प्रदेशभर में किए गए किसान आंदोलन के दौरान राजधानी भोपाल में कार्यक्रम की कमान अरुण यादव के हवाले ही की गई थी, जबकि इस दिन पीसीसी चीफ कमलनाथ दिल्ली यात्रा पर थे। पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व में चल रहे हालात को देखते हुए इस बात के कयास तेजी से लगाए जा रहे थे कि संभवत: नाथ अब दिल्ली की सियासत में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे। उनके निकटस्थ पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी इस तरह के संकेत दे चुके हैं और खुद कमलनाथ ने भी इस बात की तरफ इशारा किया था कि वे प्रदेश की सियासत से दूर हो सकते हैं। दिल्ली में हुई अहमद पटेल और मोतीलाल वोरा की कमी को भरने के लिए कमलनाथ की दिल्ली रुख्सत के कयासों के बीच इस बात की उम्मीदें बढ़ गई हैं कि खाली होने वाले पीसीसी चीफ पद के लिए अरुण यादव को मौका मिल सकता है। उनकी इस ताजपोशी को उनके दिल्ली दरबार के करीबी ताल्लुकात से जोड़ा जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का उनके लिए समर्थन भी इस बात को बढ़ावा दे रहा है कि अरुण के लिए यह दौड़ ज्यादा मुश्किल नहीं है। इधर इस पद के लिए चल रही रस्साकशी के साथियों का भी एक-एक कर कम होते जाना भी अरुण यादव के लिए आसानी के हालात बनाता जा रहा है।
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15 को हर जिले में चक्काजाम, 23 को राजभवन का घेराव
कृषि कानून के खिलाफ और दिल्ली में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस ने बड़ा ऐलान किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ अब सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए 15 जनवरी को प्रदेश के सभी जिलों में दोपहर 12 से 2 बजे तक चक्काजाम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को किसानों की अगुवाई में राजभवन का घेराव किया जाएगा। कमलनाथ ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार किसानों को खत्म करने का काम कर रही है। कृषि कानूनों की बुनियाद ही कमजोर है। इस कानून का केवल हम ही नहीं करे रहे, बल्कि एनडीए के घटक दल भी विरोध कर रहे हैं। क्योंकि यह एमएसपी खत्म करने वाला कानून है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के इस कानून से कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के लिए किसान मजबूर हो जाएगा। मप्र की 70% इकॉनामी कृषि पर आधारित है। बावजूद इसके प्रदेश में 20% किसानों को ही एमएसपी का फायदा मिलता है। इससे सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश के किसान प्रभावित होंगे।
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दिग्विजय ने सोशल मीडिया पर लिखा- किसान कानून वापस लो
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए केंद्र सरकार के नए किसान कानून के नुकसान बताएं हैं। उन्होंने कुछ दिनों पहले शिवराज सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल के रिश्तेदार प्रदीप विष्णु पटेल की तरफ से हंडिया थाने में खातेगांव के व्यापारी खोजा ट्रेडर्स के खिलाफ 43 लाख की फसल खरीद कर पेमेंट नहीं करने की एफआईआर का जिक्र भी किया है। हालांकि देवास के कन्नौद-खातेगांव, होशंगाबाद, सीहोर और हरदा के 100 से ज्यादा किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले खोजा ब्रदर्स अब पुलिस रिमांड पर जेल में हैं। उन्होंने सबसे पहले खातेगांव में 22 किसानों ने 1.73 करोड़ रुपए के चेक का अनाज खरीदा था, लेकिन चेक लगाने पर बाउंस हो गए। बाद में देवास पुलिस ने उन्हें इंदौर से गिरफ्तार किया है और इस समय पुलिस रिमांड पर जेल में हैं।
दिग्विजय ने कहा- अब लगाओ एसडीएम कोर्ट के चक्कर
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- ‘मध्यप्रदेश भाजपा कृषि मंत्री कमल पटेल के सगे भतीजे प्रदीप विष्णु पटेल ने हंडिया थाने में खातेगांव के व्यापारी खोजा ट्रेडर्स के खिलाफ 43 लाख रुपए की फसल खरीद कर पेमेंट नहीं करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। खोजा ट्रेडर्स ने किसान विरोधी कानून आने के बाद अपना मंडी का व्यापारी लाइसेंस निरस्त करा लिया था। यदि प्रदीप ने यह कृषि उपज मंडी में बेची होती तो प्रदीप को पेमेंट दिलाने की जवाबदारी मंडी व मप्र शासन की होती। अब रऊट कोर्ट के चक्कर लगाओ।’
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