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नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। सीएम की कुर्सी संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने ताबड़तोड़ एक्शन दिखाते हुए फैसले लेने शुरू किए। फैसले इतनी तेजी से लिए गए कि लोगों की निगाहें उन फैसलों की वर्तमान स्थिति जानने पर है। अब तक के बड़े फैसलों पर नजर डालते हैं हम।

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एंटी रोमियो: सीएम की कुर्सी संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ से जो सबसे फैसला लिया वो था एंटी रोमियो स्कवैड का गठन करना। पुलिस वाले अगले 24 घंटों में ल़ड़कियों के स्कूल कॉलेज के बाहर से सड़क छाप आवाराओं को घसीटते हुए ले जाती दिखाई दी। हालांकि इस फैसले में पुलिस की दादागिरी की शिकायत भी जमकर आई। ये तो तय है कि इस सकारात्मक असर दिखाई देने लगेगा। लेकिन चुनौती ये है कि इस अभियान को सरकार कितने दिनों तक चला पाएगी।

अवैध बूचड़खाने:  योगी का बड़ा और विवादित फैसला। वैध-अवैध के बीच सच्चाई ये है कि आज की तारीख में पूरे उत्तर प्रदेश में शायद ही कोई बूचड़खाना चल रहा होगा। आलम ये है कि अब चिकन और मीट शॉप भी बंद होने लगेगी। ऐसे में एक बड़ा वर्ग जोकि सीधे इस तरह के व्यवसाय से जुड़ा हुआ था प्रभावित हो रहा है। सरकार का ये फैसला जल्द बाजी में उठाया हुआ कदम दिखाई पड़ रहा है। फिलहाल तो इस विरोध दिखना शुरू हो चुका है देखना दिलचस्प होगा कि योगी इस विरोध प्रदर्शन से कैसे निपटते हैं।

सड़कों की मरम्मत: शपथ से पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सड़कों को गड्ढों की मरम्मत करने के लिए 15 जून की डेडलाइन तय कर दी है। इसका परिणाम ये है कि कई शहरों में रोलर्स सड़कों के गड्ढों के पैचअप  और टचअप में लगे हुए है। योगी अपने तेज तर्रार व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। इसिलिए अधिकारियों में इस बात का डर है कि कहीं गुस्से की आंच में वो न तप जाएं।    

गुटखा पान : एक छोटा मगर अहम फैसला योगी आदित्यनाथ ने लिया। लखनऊ सचिवालय में निरिक्षण के दौरान उन्होने सचिवालय में पान-गुटखा खाना बैन कर दिया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ होगा कि गुटखा-पान पर रोक लगी है। लेकिन ऐसा जरूर पहली बार हुआ होगा कि इस रोक की शुरुआत सचिवालय और मंत्रालय से हुई है। अगर सचिवालय में इस रोक को कारगर कर पाए। तो प्रदेश स्तर पर इसे लागू किया जाना योगी सरकार के लिए आसान होगा।   

पुलिस-अधिकारियों पर निगाहें:  योगी आदित्यनाथ न सिर्फ ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं बल्कि अधिकारियों पर लगाम कसने का भी काम कर रहे हैं। योगी की धमक का असर प्रदेश में कुछ इस तरह दिख रहा है कि अब अधिकारियों और पुलिस सड़कों पर कार्रवाई करते और जायजा लेते दिखने लगे हैं।

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