मप्र में सबसे बड़ी पार्टी और छत्तीसगढ़-राजस्थान में बहुमत पाने के बाद भी तीनों राज्यों के सीएम पद के दावेदारों को ये पद पाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. मप्र और राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की बैठक हो चुकी है. मप्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ के नाम का प्रस्ताव दिया है. हालांकि दोनों ही राज्यों में पार्टी ने फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया.
इधर दिन में कमलनाथ ने राज्यपाल आंनदीबेन पटेल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. उनके साथ विवेक तन्खा, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुरेश पचौरी भी मौजूद थे. हालांकि राज्यपाल ने उनसे पहले नेता चुनने के लिए कहा. कमलनाथ ने इसके बाद मुख्यमंत्री निवास जाकर शिवराज सिंह से मुलाकात भी की, जहां शिवराज सिंह ने उन्हें जीत की बधाई भी दी.
राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रस्ताव रखा कि सीएम पद के लिए नाम का चुनाव दिल्ली से हो, जिसका प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने समर्थन किया. इधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को अपना समर्थन देने की बात कही. साथ ही कहा कि जरूरत पड़ने पर हम राजस्थान में भी कांग्रेस को समर्थन देंगे.
दोपहर में शिवराज सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर कहा कि अब मैं चौकीदारी की जिम्मेदारी संभालूंगा हम चुप बैठने वालों में से नहीं हैं. आज से ही हमारा काम शुरू हो रहा है. हम मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे. मैं हार की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और वादा करता हूं प्रदेश में जहां भी मेरी जरूरत होगी, मैं हमेशा काम करने के लिए तैयार रहूंगा. नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, इसके जबाव में शिवराज ने कहा कि यह तो पार्टी तय करेगी, लेकिन नेता तो हम हैं ही. बता दें कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट, वहीं छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव सीएम पद के प्रमुख दावेदार हैं.