आप देख रहे हैं कि चारों ओर हताशा फैल रही है।सबका ज़ोर चुनाव जीतने पर है। पर दल और नेता बदलने से हालात नहीं बदलते। सोच व नीयत बदलनी है ।

जनता का दिल जीतने के लिये सोच बदलने को वैसे तो मुद्दे बहुत हैं । पर मैं तो अर्जुन के लक्ष्य की तरह केवल एक ही मुद्दा ,हिंदू संस्कृति की धरोहरों के संरक्षण का , पकड़ कर बैठा हूँ। बहुत सार्थक और किफ़ायती सुझाव लगातार आप लोगों को देता आ रहा हूँ। का वर्षा जब कृषि सुखानी ?

भ्रष्टाचार के तो बड़े मुद्दे निडरता से बिना झुके, डरे और बिके जीवन भर उठा चुका ।अब भी चाहूँ तो तमाम बड़े से बड़े ताक़तवर लोगों के घोटाले और दुराचरण को मयसबूत बेनक़ाब करने की हिम्मत रखता हूँ। पर जब बिहारी जी ने अपने सेवा दे दी है तो क्यों सबकी नींद और अपनी ऊर्जा बर्बाद करूँ?

आप सबसे प्रार्थना है कि हिंदू धर्म और संस्कृति की सेवा में मेरे अनुभवजन्य सुझावों पर ध्यान दें। उससे आप घाटे में नहीं रहेंगे। वरना जीयरस्वामी द्वारा गोवर्धन (मथुरा) में प्राणप्रतिष्ठित संकर्षण भगवान को मल-मूत्र के जलाशय में 3 बरस से यों खड़ा रखने का पाप फल आप और हम सब भोगेंगे।

विनीत नारायण

 

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