नई दिल्ली : दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में आग लगने की वजह से 80 दुकानें जलकर खाक हो गईं है. आग को बुझाने के लिए मौके पर फायर फाइटर्स की टीम भी मौजूद थी लेकिन तभी वहां पर फ़िल्मी स्टाइल में आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने एंट्री ली और दिल्ली वालों की मुसीबत कम करने की जगह उसे और बढ़ा दिया.
विधायक अलका लाम्बा को शायद यह समझने में दिक्कत हो रही थी कि आग और राजनीति दोनों अलग अलग चीज़ें हैं तभी तो वो आग पर काबू पाने के लिए आई स्पेशल क्रेन पर चढ़ गईं और यहाँ पर भी अपने प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ रही थीं जिसकी वजह से आग बुझाने वाले फायर फाइटर्स को आग बुझाने में काफी समय लग गया.
इस देरी का नतीजा यह हुआ कि जो आग काफी समय पहले बुझाई जा सकती थी उसमें देरी होने की वजह से 80 दुकाने आग की भेंट चढ़ गयी. इस घटना के बाद दुकान मालिकों ने जमकर अलका के खिलाफ नारेबाजी की और जमकर विरोध प्रदर्शन भी किया।
दुकान मालिकों के हिसाब से आग पर पहली ही काबू पा लिया गया होता अगर अलका लाम्बा अपने प्रचार में ना लगती और आग बुझाने के लिए आई स्पेशल क्रेन पर ना चढ़तीं। दुकान मालिकों के मुताबिक़ उनका लाखों का सामान जलकर राख हो गया, लेकिन इस बात से अलका को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था क्योंकि उन्हें शायद ये घटना कम और पार्टी की प्रचार रैली नज़र आ रही थी.
अलका लाम्बा के इस गैरजिम्मेदाराना बर्ताव से जहाँ एक तरफ दुकान मालिकों का लाखों का नुक्सान हुआ वहीं दूसरी तरफ अब आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल की छवि भी धूमिल होती हुई नज़र आ रही है. अभी कपिल मिश्रा के आरोपों का सिलसिला भी नहीं थमा है इस सब के बावजूद अरविन्द केजरीवाल की पार्टी और पार्टी के नेताओं पर सवालिया निशान उठने लगे हैं.