चंडीगढ़ निगम चुनावों में भाजपा-अकाली गठबंधन ने बंपर जीत हासिल की है. गठबंधन ने 26 सीटों में से 20 पर कब्जा किया है. इन 20 में से भी 19 भाजपा के खाते में गए हैं, जबकि 1 सीट अकाली ने जीती है. उधर कांग्रेस के हिस्से सिर्फ 4 सीटें आई हैं. इस चुनाव में 26 सीटों के लिए 122 प्रत्याशी मैदान में थे. ये नतीजे भाजपा के लिए दोहरी खुशी लेकर आए हैं. एक तरफ भाजपा इसे नोटबंदी को मिले जनसमर्थन से जोड़ कर देख रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब विधानसभा चुनावों से ऐन पहले इसे राज्य में भाजपा की बेहतर चुनावी तैयारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के बाद अब चंडीगढ़ के निगम चुनावों में मिली जीत बताती है कि प्रधानमंत्री जी ने जो नोटबंदी का फैसला लिया है, उससे जनता खुश है.
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चंडीगढ़ नगर निगम पर अभी भी भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा था. चुनावों से पहले भाजपा इसे लेकर आशंकित थी कि नोटबंदी से लोगों को हो रही तकलीफें कहीं भाजपा के खाते से चंडीगढ़ को छीन न ले. वहीं कांग्रेस नोटबंदी के इस माहौल में अपने लिए मौका देख रही थी. इसी कारण भाजपा और कांगे्रस दोनों ने जती के लिए पूरी ताकत के साथ प्रचार किया था. कांग्रेस ने जहां लोगों को नोटबंदी से हो रही दिक्कतों को मुद्दा बनाया, वहीं बीजेपी नेताओं ने इसके फायदे गिनाए थे. बीजेपी ने किरण खेर और अनुराग ठाकुर जैसे बड़े चेहरों को यहां प्रचार में उतारा. वहीं कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता पवन बंसल को पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी थी.