कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत सारे कोविड मरीज़ ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम तोड़ गए? कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल के इस सवाल का राज्यसभा में जो लिखित जवाब स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने दिया, वह हैरान करने वाला है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट की वजह से बड़ी तादाद में कोरोना मरीज़ों की मौतें हुई। लेकिन मंगलवार को ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में स्वस्थ्य राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण कुमार ने लिखित में दिए जवाब मैं कहा – स्वास्थ्य राज्य का विषय है। मौत की रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय को रेगुलर बेसिस पर मुहैया कराते हैं। राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट के मुताबिक देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है।

स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने राज्यसभा में वैक्सीन और ऑक्सीजन की को लेकर भी जानकारी दी। मंडाविया की बड़ी बातें…

  • राज्य 15 दिन पहले वैक्सीन स्टॉक की जानकारी दें। उसी के मुताबिक वैक्सीनेशन के लिए योजना बनाएं।
  • सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड वैक्सीन की 11-12 करोड़ खुराक हर महीने मिल रही है।
  • भारत बायोटेक अगस्त में अपने कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन की 3.5 करोड़ डोज की सप्लाई करेगा।
  • देश की एक और कंपनी जाइडस कैडिला ने अपने डीएनए आधारित टीके की इमरजेंसी यूज के लिए आवेदन किया है।
  • कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित नहीं करेगी, ऐसा कहना उचित नहीं है।
  • जाइडस कैडिला और भारत बायोटेक बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल कर रहे हैं।
  • 1,573 में से 316 ऑक्सीजन प्लांट चालू हो गए हैं, बाकी अगस्त के अंत तक शुरू हो जाएंगे।
  • दूसरी कोरोना लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन सिलिंडर और टैंकरों की कमी को लेकर देश भर में हाहाकार मचा। भारत सरकार ने भी युद्ध स्तर पर मेडिकल ऑक्सीजन मुहैया कराने की पहल की। वायु सेना और भारतीय रेल को इस काम के लिए लगाया गया। ऐसे में स्वास्थ्य राज्यमंत्री का जवाब कई सवाल खड़े कर रहा है।
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