दिल्ली-एनसीआर में फैले वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई शुरू हो चुकी है। कोर्ट में केंद्र ने एक हलफनामे के माध्यम से कहा कि केंद्र द्वारा जिन वाहनों का प्रयोग राष्ट्रीय राजधानी में किया जा रहा है वह कुल वाहनों का छोटा का हिस्सा है। इन वाहनों पर प्रतिबंध लगाने से प्रदूषण पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
केंद्र का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम से प्रदूषण पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। केंद्र ने अपने कर्मचारियों को दफ्तर आने-जाने के लिए निजी वाहनों का प्रयोग करने के बजाय कारपुलिंग का सहारा लेने की सलाह दी, जिससे सड़क पर वाहनों की संख्या कम हो सके।
मंगलवार को CAQM ने राज्यों के साथ की इमरजेंसी बैठक
मंगलवार को कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों के साथ इमरजेंसी बैठक की। इसमें राज्य सरकारों को आदेश दिए गए कि वे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के प्रदूषण से निपटने के उपाय करें। इन उपायों को सरकारों को तुरंत अमल में लाना होगा और 22 नवंबर तक इन आदेशों के अनुपालन की रिपोर्ट पेश करनी होगी।
दिल्ली में लॉकडाउन
इसके बाद दिल्ली सरकार ने स्कूल-कॉलेज को अगले आदेश तक बंद कर दिया है। शिक्षा संस्थानों में कोविड लॉकडाउन के जैसे ऑनलाइन मोड में पढ़ाई होगी। ऑफिस में 50 फीसदी लोगों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा गया है। साथ ही 21 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाई गई है। दिल्ली के 300 किमी के रेडियस में बने 11 थर्मल प्लांट्स में से 6 को 30 नवंबर तक बंद रखा जाएगा।
दिल्ली-NCR में अगले कुछ दिनों तक एयर क्वालिटी खराब रहने वाली है। इसके गंभीर होने की भी आशंका है। हवा की गुणवत्ता में 21 नवंबर के बाद ही कुछ सुधार होने की उम्मीद है। मंगलवार को भी दिल्ली की एयर क्वालिटी 403 थी, जो कि गंभीर श्रेणी में आती है।
राज्य में ट्रकों की एंट्री बंद
दिल्ली में सिर्फ उन्हीं ट्रकों को एंट्री मिलेगी जो रोजमर्रा का जरूरी सामान ले जा रहे हैं। उनके अलावा किसी ट्रक को राज्य में नहीं आने दिया जाएगा।
21 नवंबर तक निर्माण कार्यों पर रोक
दिल्ली-NCR में 21 नवंबर तक सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई है। सिर्फ इन प्रोजेक्ट्स का कंस्ट्रक्शन जारी रहेगा-
- रेलवे सर्विसेज/स्टेशन
- मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन सर्विस, स्टेशन सहित
- एयरपोर्ट्स और इंटर स्टेट बस टर्मिनल
नेशनल सिक्योरिटी/डिफेंस से संबंधित गतिविधियों और राष्ट्रीय महत्व के प्रोजेक्ट्स का काम
वाहनों की होगी कड़ी चेकिंग
दिल्ली और NCR राज्यों की सरकारों को आदेश दिए गए हैं कि वे प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को रोकें। सिर्फ उन वाहनों को आवागमन करने दिया जाएगा, जिनके पास वैध पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट होगा। इसके साथ ही ट्रैफिक टास्क फोर्स की टीमों को भी तैनात किया गया है जिससे ट्रैफिक की आवाजाही में रुकावट न आए।
एंटी-स्मॉग गन्स और वॉटर स्प्रिंक्लर्स से कम करेंगे प्रदूषण
दिल्ली के सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाकों में एंटी-स्मॉग गन्स, वॉटर स्प्रिंकलर्स और डस्ट सप्रेसेंट्स को दिन में तीन बार इस्तेमाल करना होगा। साथ ही उन पार्टीज पर भारी जुर्माना लगेगा जो सड़कों पर कंस्ट्रक्शन मैटेरियल और कचरे को डंप करते हैं। राज्य में डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगी है। कुछ खास इमरजेंसी में ही इन्हें इस्तेमाल किया जा सकेगा।