सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ प्रारंभिक जांच का केस दर्ज कर लिया है. इस मामले में सीबीआई आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3,250 करोड़ रुपए के लोन में हुए कथित लेनदेन की जांच कर रही है. गौरतलब है कि चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत के जरिए अपने पति दीपक कोचर और भाभी व ससुर को लाभ पहुंचाया है. इस आरोप के बाद बैंक बोर्ड ने अपने स्तर पर जांच की और आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए कोचर को क्लीनचिट दे दी.

खबर है कि केंद्रीय एजेंसियां धूत और चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के व्यावसायिक रिश्तों की जांच भी कर रही हैं. खबरों के मुताबिक, वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपाल धूत ने दिसंबर 2008 में दीपक कोचर, दीपक के पिता और चंदा कोचर की भाभी के साथ मिलकर नू पावर प्रा. लि. नाम से कंपनी बनाई थी. इस कंपनी में धूत अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ 50 फीसदी शेयर के मालिक थे और बाकी 50 फीसदी शेयर दीपक कोचर, उनके पिता और चंदा कोचर की भाभी के पास थे.

बताया जा रहा है कि जनवरी 2009 में धूत ने कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया और अपने 24,999 शेयर दीपक कोचर को ढाई लाख रुपए में बेच दिए. यह मामला 2012 का है. उस समय आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपए का लोन दिया था. इसमें से 2,810 करोड़ रुपए वापस नहीं आए और 2017 में बैंक ने इसे एनपीए घोषित कर दिया. बैंक ने इस मामले में चंदा कोचर का बचाव किया और कहा कि उनका बैंक 20 बैंकों के कंसोर्टियम का हिस्सा भर था और इस उस कंसोर्टियम ने वीडियोकॉन ग्रुप को 40 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया था.

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