मंगलवार को सीबीआई विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में जबरदस्त गरमा-गरमी देखने को मिली है. वहीं, प्रधान न्यायाधीश ने सीवीसी की जांच रिपोर्ट जो कि सीबीआई निदेशक को जबाव देने हेतु सौंपा गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश आलोक वर्मा का वो जबाव मीडिया में लीक हो गया जिसको लेकर सीजेआई ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है.

बता दें कि सुनवाई शुरु होते ही सर्वप्रथम मुख्य न्यायाधीश ने आलोक वर्मा के वकील फली नरीमन को वो प्रति सौंपी जिसमें आलोक वर्मा का जबाव प्रकाशित हुआ था. प्रति सौंपते हुए सीजेआई ने कहा की क्या है ये? हमने बहुत कड़े लहजे में कहा था कि वर्मा का जबाव मीडिया में लीक नहीं होना चहिए था तो फिर ये कैसे हुआ.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम चाहते थें कि सीबीआई के गोपिनयता बनी रहे, इसलिए हमने ये आदेश दिया था कि आलोक वर्मा के जबाव की प्रति मीडिया में सार्वजनिक नहीं होनी चहिए. बता दें अंत में मुख्य न्यायाधीश इतने नाराज हो गए कि उन्होंने कहा कि आप लोग सुनवाई के लायक नहीं है.

दूसरी तरफ, कोर्ट ने मनीष सिन्हा के द्वारा दाखिल की गई याचिका पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट कोई मंच नहीं है, जिस पर जिसका जो मन चाहेगा. वे पेश कर देगा. कोर्ट अपने तरीके से पूरे मामले को देखेगा.

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई की तारीख 29 नवंबर की मुकर्रर की है.

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