छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद कांग्रेस वापसी कर रही है. भाजपा के 15 साल के शासन से पहले यहां कांग्रेस का ही राज रहा है. एक नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आने से पहले अविभाजित राज्य में आपातकाल के बाद कांग्रेस को छह में से चार 1980, 1985, 1993 और 1998 के चुनावों में जीत मिली थी. 90 में से 1980 में 77, 1985 में 74, 1993 में 54 और 1998 में 48 सीटें कांग्रेस को मिली थीं.
भाजपा शासन में रमन सिंह ने यहां पर अंगद की तरह पांव जमा लिया. लेकिन आखिरकार कांग्रेस को वापसी का मौका मिला. हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस ने किसी भी नेता का नाम आगे नहीं किया था, लेकिन इस दौड़ में कई नेता आगे हैं, जिनमें प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, पार्टी नेता टीएस सिंह जूदेव व चरण दास महंत का नाम प्रमुख है. भाजपा ने तीन बार के मुख्यमंत्री रमन सिंह के चेहरे पर ही यह चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार वे यह गढ़ बचाते नहीं दिख रहे हैं.