नई दिल्ली, (राज लक्ष्मी मल्ल) : हाल ही में CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) ने रेलवे के खाने को लेकर एक खुलासा किया था कि रेलवे द्वारा परोसा जा रहा खाना इंसानों के खाने लायक नहीं हैं. वही अब खाने के बाद CAG ने रेलवे के कम्बल और तक्कियां को लेकर सवाल खड़े किए हैं. बता दें कि रेलवे द्वारा AC कोच में सफर के दौरान यात्रियों को बेडशीट, कम्बर और तकिया दिया जाता है. जिसपर CAG ने खुलासा किया है.

सीएजी ने कंबल की सफाई को लेकर शिकायतों में बताया है कि कई जगह ट्रेन में मिलने वाले कंबलों को 3 साल तक नहीं धोया गया है. सीेएजी ने 33 चयनित कोचिंग डिपो में रिव्यू पीरियड के समय
कंबलों की संख्या और धुले हुए कंबल की संख्या के डाटा का अध्ययन किया. यह अध्ययन 2012-13 से 2015-16 के दौरान इस्तेमाल किए गए कंबलों पर किया गया.

इस जाँच में पाया कि 9 क्षेत्रीय रेलवे के 14 चुने गए कोचिंग डिपो में कोई कंबल ड्राइ वॉश नहीं किया गया था. इसके अतिरिक्त पांच क्षेत्रीय रेलवे के 7 डिपो को छोड़कर किसी भी चुने गए डिपो में लिनेन की सफाई नहीं की गई थी. वही तकिया को लेकर बताया है कि मार्च 2016 से पहले तकिये की धुलाई के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए गए थे.

CAG के इन रिपोर्ट्स के बाद रेलवे हरकत में आया गया है और रेल मंत्रालय अब ट्रेन के एसी डिब्बों में कंबल पूरी तरह से बंद करने की सोच रहा है.

सूत्रों का कहना है कि रेल मंत्रालय 2 विकल्पों पर विचार कर रहा है. पहले विकल्प में ट्रेनों में एसी डिब्बों का तापमान बढ़ाया जा सकता है. औसतन तापमान 19 डिग्री से बढ़ाकर 24 किया जा सकता है. तापमान बढ़ाने पर कंबल देने की जरूरत नहीं रहेगी. वहीं, दूसरे विकल्प में कंबल के साथ कवर दिया जा सकता है. कंबल के मुकाबले कवर की धुलाई आसान और सस्ती है. शुरुआत में कोई भी योजना लागू करने से पहले उसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुनिंदा ट्रेनों में लागू किया जाएगा. इसके बाद पायलट कामयाब होने पर सभी ट्रेनों में नई पॉलिसी को लागू किया जाएगा.

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