केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है. सरकार अब एससी/एसटी एक्ट पर संशोधन बिल लाएगी. एनडीए के दलित सांसद इस मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना रहे थे. संशोधित बिल को मानसून सत्र में ही संसद में पेश किया जाएगा. हालांकि इस पर चर्चा के समय को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है.
इससे पहले, लोक जनशक्ति पार्टी से जुड़ी दलित सेना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण कानून के कमजोर होने का हवाला देते हुए सरकार से इसमें जल्द से जल्द सुधार कि मांग की थी और कहा था कि ऐसा नहीं किये जाने पर वह 9 अगस्त से आन्दोलन शुरू करेगी. सरकार ने दलित संगठनों से अपील की है कि अब वह 9 अगस्त को बंद न करें.
नेताओं ने कहा था कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कानून के कुछ प्रावधानों को लेकर उच्चतम न्यायालय ने 20 मार्च को एक फैसला दिया था. जिस वजह से यह कानून कमजोर हुआ है, जिस कारण दलित समुदाय में आक्रोश बढ़ गया. इस वजह से कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें लगभग 12 लोगों की मौत हो गई थी. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि सरकार दलित संगठनों की रक्षा करने में विफल रही है.
भाजपा के सहयोगी और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने न्यायालय का आदेश पलटने के लिए एक नया कानून लाने की मांग की थी. सत्तारूढ़ पार्टी से संबंध रखने वाले कई दलित सांसदों और आदिवासी समुदायों ने भी मांग का समर्थन किया था. इधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने कहा था कि उनकी सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अत्याचारों को रोकने वाले कानून को कमजोर नहीं होने देगी.