अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार को हुए आत्मघाती बम धमाकों में कई लोगों की जान जाने की खबर है. मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट धमाकों में 60 लोगों और कम से कम 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है. गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर दो बम धमाके के बाद समाचार एजेंसी एएफपी ने तीसरे धमाके की जानकारी दी. कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि काबुल में और भी धमाके हो सकते हैं. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने अपने दावे में इस धमाके की जिम्मेदारी ली है.
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक बयान में कहा-
हम पुष्टि कर सकते हैं कि काबुल हवाईअड्डे पर आज के जटिल हमले में कई अमेरिकी सेवा सदस्य मारे गए. कई अन्य लोगों का इलाज किया जा रहा है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मारे गए और घायल सभी लोगों के प्रियजनों और टीम के साथियों के साथ हैं.
बीबीसी ने बताया कि मौके से बाहर की तस्वीरों में शवों का ढेर दिखा और कुछ रिपोर्ट में मृतकों की संख्या 60 बताई गई, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई. विस्फोट हवाईअड्डे के एक गेट के बाहर हुआ था, जहां निकासी प्रक्रिया की निगरानी के लिए ब्रिटिश और अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.
काबुल के स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि 60 नागरिक मारे गए हैं. वहीं, अफगान पत्रकारों द्वारा शूट किए गए वीडियो में हवाई अड्डे के किनारे पर एक नहर के आसपास दर्जनों शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कम से कम दो विस्फोटों ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया.
वहीं, आईएसआईएस (ISIS) ने कहा कि उसके एक आत्मघाती हमलावर ने “अमेरिकी सेना के मददगारों” को निशाना बनाया. अमेरिकी अधिकारियों ने हमले के पीछे आईएसआईएस का हाथ होने की बात कही है.
धमाकों में हताहत हुए अमेरिकियों की संख्या गुरुवार को 12 से बढ़कर 13 हो गई. माना जा रहा है कि अगस्त 2011 में एक हेलीकॉप्टर को मार गिराए जाने के बाद यह दूसरी घटना में जिसमें अफगानिस्तान में इतने अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है. हेलीकॉप्टर को निशाना बनाए जाने की घटना में 30 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई थी.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने काबुल हमले के लिए इस्लामी चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया और हमले में मारे गए लागों की जान का बदला लेने का संकल्प लेते हुए कहा, ‘‘हम तुम्हें (हमलावरों को) पकड़कर इसकी सजा देंगे.”
विदेशी मामलों और राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति समितियों की सदस्य, ब्रिटिश कंजर्वेटिव सांसद एलिसिया किर्न्स ने कहा कि बैरन होटल के पास एक हमले में कई लोग आहत हुए, जहां ब्रिटेन निकासी के लिए योग्य ब्रिटेन और अफगानों को संसाधित कर रहा है.
उन्होंने एक ट्वीट में कहा,
“बैरन के होटल के उत्तरी गेट पर एक बम या गोलियों से हमला. चिंतित यह निकासी को तबाह कर देगा – इतने सारे घायल. मेरा दिल उन सभी घायलों और मारे गए लोगों के साथ है.
पश्चिमी देशों द्वारा हवाईअड्डे पर आतंकवादी हमले की चेतावनी के बीच हमले हुए, क्योंकि विदेशी नागरिकों की निकासी जारी है. हालांकि, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जोर देकर कहा कि घातक विस्फोटों के बावजूद ब्रिटिश नागरिकों और पात्र अफगानों को निकालने का अभियान जारी रहेगा.