उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को दूसरा बड़ा झटका लगा है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी ने अपने बेटे रोहित के साथ भाजपा का दामन थाम लिया है. अमित शाह की मौजूदगी में एनडी तिवारी भाजपा में शामिल हुए. दो दिन पहले ही उत्तराखंड के दिग्गज कांग्रेसी नेता यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव भी भाजपा में शामिल हुए थे.
गौरतलब है कि बीते साल दिसंबर में एनडी तिवारी ने अपने प्रति कांग्रेस की उपेक्षा को सार्वजनिक रूप से बयां किया था. इस बयोवृद्ध कांग्रेसी नेता ने आंखों से आंसू पोंछते हुए कहा था कि मैंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, लाठी खाई, जेल भी गया, प्रदेश से लेकर देश तक की राजनीति की लेकिन कांग्रेस ने मुझे भुला दिया.
एनडी तिवारी का देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में भी अहम योगदान रहा है. 1942 में वह ब्रिटिश सरकार की साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ नारे वाले पोस्टर और पंपलेट छापने और उसमें सहयोग के आरोप में गिरफ्तार हुए थे. वे 1963 से ही कांग्रेस का हिस्सा रहे हैं. 1951-52 के पहले चुनाव में उन्होंने नैनीताल (उत्तर) सीट से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की थी. 1965 में वह कांग्रेस के टिकट पर काशीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए और मंत्रिपरिषद में जगह पाई. 1969 से 1971 तक वह कांग्रेस की युवा संगठन के अध्यक्ष भी रहे. एनडी तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं. वह अकेले राजनेता हैं जो दो राज्यों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. एनडी तिवारी आंध्रप्रदेश के राज्यपाल भी रहे हैं.