लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे से ठीक पहले राम मंदिर पर चिराग पासवान के बयान से भाजपा खासा नाराज है। भाजपा का कहना है कि पार्टी राम मंदिर के मुद्दे को कैसे छोड़ सकती है। जिसके चलते पार्टी दो से ढ़ाई सौ से उपर चली गई उसे भूलने का सवाल कहां पैदा होता है।

गौरतलब है कि चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भाजपा को राम मंदिर और हनुमान जैसे मुद्दों से बचना चाहिए और विकास के इश्यू को फोकस करना चाहिए। चिराग ने कहा कि राममंदिर और हनुमान जैसे मुद्दों से जनता भ्रमित होती है।

चिराग की यह सलाह भाजपा को रास नहीं आई और उनके नेताओं ने ताबड़तोड़ बयान जारी कर साफ कर दिया कि राम मंदिर भाजपा के लिए चुनावी नहीं बल्कि आस्था का मामला है। सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि राम और हनुमान तो सब के घरों में हैं फिर इससे अलग होने की बात कहां है।

पार्टी विधायक नीतिन नवीन कहते हैं कि राम मंदिर का निर्माण भाजपा का वादा है और इस वादे को हमें निभाना है। इन सार्वजनिक बयानों के अलावा भाजपा के अंदर चिराग के बयान को लेकर काफी गुस्सा है। भाजपा नेताओं का कहना है कि सार्वजनिक तौर पर चिराग को इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए।

इस तरह के बयानों से भाजपा पर कोई दबाव पड़ने वाला नहीं है। भाजपा नेताओं का कहना है कि चुनावी मुद्दों पर उचित मंच पर बात होती है टीवी पर नहीं। भाजपा यह उम्मीद करती है कि चिराग आगे इस तरह के बयानों से बचेंगे नही ंतो सीटों के बंटवारे में दिक्कत आ सकती है।

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