प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अगर एक आदमी पकौड़े बेचता है और शाम को 200 रुपए लेकर घर जाता है तो क्या उसे रोज़गार माना जाएगा या नहीं? उनके इस बयान पर तंज कसते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कई ट्वीट किए थे. उनके एक ट्वीट पर भाजपा ने आपत्ति जाहिर की है और कांग्रेस पर ग़रीब और आकांक्षी भारतीयों का अपमान करने का आरोप लगाया है. चिदंबरम ने ट्वीट में लिखा था कि अगर पकौड़े बेचना नौकरी है, तो फिर भीख मांगने को रोज़गार के विकल्प के तौर पर देखना चाहिए.
चिदंबरम ने कई और ट्वीट भी किए थे. उन्होंने कहा था कि सरकार नौकरियों के अवसर पैदा करने के मामले में पूरी तरह फेल है. चिदंबरम ने मनरेगा, मुद्रा योजना और सरकार की अन्य योजनाओं को रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल बताया था. मुद्रा योजना के बारे में उन्होंने ट्वीट किया था कि मुद्रा योजना में 43 हजार का लोन लेकर एक व्यक्ति को रोजगार सृजक बनाने का दावा किया गया था, लेकिन ऐसा कोई व्यक्ति नहीं दिखता जिसने इतने निवेश में एक भी रोजगार पैदा किया हो. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि एक अन्य मंत्री का कहना है कि मनरेगा मजदूरों को भी नौकरी करने वालों में गिनना चाहिए. अगर वह जॉब है तो सिर्फ 100 दिन के लिए है, बाकी 265 दिन तो उन्हें बेरोजगार रहना पड़ता है.
चिदंबरम द्वारा सरकार और प्रधानमंत्री की इस आलोचना का भाजपा ने कड़ा जवाब दिया है. ट्विटर के जरिए भाजपा की तरफ से कहा गया है कि ईमानदारी से आजीविका कमाने वाले लोगों की तुलना भिखारियों से कर कांग्रेस ने एक बार फिर इस देश के प्रत्येक ग़रीब-मजदूर-किसान और कर्मयोगी का अपमान किया है.