केंद्र की मोदी सरकार के सात साल पूरे गए हैं। इस अवसर पर केंद्र सरकार और बीजेपी उपलब्धियां गिना रही है जबकि विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मोदी सरकार को देश के लिए हानिकारक बताया गया है। कांग्रेस के महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मोदी सरकार ने सात साल में अनगिनत घाव दिए हैं, जो अब नासूर बन गए हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि मोदी शासन के सात साल में अर्थव्यवस्था गर्तव्यवस्था बन गई है। पिछले सात दशक में देश ने जो तरक्की की थी मोदी शासन ने सात साल में उसे तबाह कर दिया है।कांग्रेस नेता ने कहा कि सात सालों से बेरोजगारी अपरंपार है, कमरतोड़ महंगाई है, अर्थव्यवस्था का बंटाधार हो गया इसीलिए मोदी सरकार देश के लिए हानिकारक है।
सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार के सात साल में हमने क्या पाया- सिर्फ नफरत और बंटवारे का साया, झूठी नोटबंदी और जीएसटी की माया, फरेब और जुमलों की छाया. गंगा मैया में बहती हजारों लाशें।
बेरोज़गारी
मोदी सरकार हर वर्ष दो करोड़ रोज़गार देने का वादा कर सत्ता में आई. सात साल में 14 करोड़ रोजगार देना तो दूर, देश में पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक चौतरफा बेरोजगारी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनॉमी (CMIE) के ताजे आंकड़ों के मुताबिक, देश में बेरोजगारी की दर डबल डिजिट का आंकड़ा पार कर 11.3 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है. आंकड़ों के मुताबिक, केवल कोरोना काल में ही 12.20 करोड़ लोगों ने अपना रोटी-रोजगार खो दिया।
महंगाई
उन्होंने कहा कि मोदी शासन में महंगाई चरम पर पहुंच गई है। महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है और इससे चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। खाद्य पदार्थों के भाव आसमान छू रहे है। पेट्रोल 100 लीटर तथा सरसों का तेल 200 रुपए प्रति लीटर को पार कर गया है। वर्ष 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तो पेट्रोल करीब 71 रुपए और डीजल पर 55 प्रति लीटर की दर से बिक रहा था लेकिन आज पेट्रोल 102 और डीजल 94 रुपए पर पहुंच गया है। रसोई गैस की कीमतों में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
महामारी
कोरोना महामारी के कुप्रबंधन के चलते देश में लाखों लोगों ने सिसक सिसक कर दम तोड़ दिया. हालांकि, मौत का सरकारी आंकड़ा 3,22,512 है, पर सच्चाई इससे कई गुना अधिक भयावह है। कोरोना महामारी ने गांव, कस्बों और शहरों में लाखों लोगों के प्रियजनों को छीन लिया पर मोदी सरकार देश के प्रति जिम्मेवारी से पीछा छुड़ा भाग खड़ी हुई। पूरे देश में ऑक्सीजन का गंभीर संकट है।