पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के बंगाली अस्मिता के मुद्दे के सामने घुटने टेक चुकी भाजपा यूपी विधानसभा चुनाव में अब उन मुद्दों का सहारा लेगी जो आम जनता से इमोशनल तौर पर जुड़े होंगे। पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक भाजपा राम मंदिर को केंद्र में रखकर ही पूरे प्रचार का खाका खींचेगी।
भाजपा के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने बताया की, ‘पार्टी राष्ट्रवाद से जुड़े मुद्दों को केंद्र में रखकर ही यूपी चुनाव में जाएगी। पार्टी की मंशा है कि राम मंदिर को ही केंद्र में रखा जाए क्योंकि ये भाजपा का सबसे बड़ा अचीवमेंट है।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि चुनावी अभियान को दो चरणों में रखा गया है। अभी कुछ समय के लिए महामारी को लेकर पार्टी की तरफ से चलाए जाने वाले लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों पर ही फोकस किया जाएगा।
अयोध्या में राम मंदिर को भाजपा और योगी आदित्यनाथ की पवित्र शहर के लिए ‘विशाल’ विकास योजना की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक के रूप में पेश किया जाएगा, जो केक पर लौकिक आइसिंग के रूप में सेवा कर रहा है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा कार्यकर्ता “अयोध्या तो सिर्फ झाँकी है, काशी, मथुरा बाकी है” के नारे पर वीणा बजाते रहेंगे (अयोध्या एक मात्र टीज़र है, काशी और मथुरा अभी बाकी है)।
महामारी की दूसरी लहर में योगी सरकार को जिस तरह जानता की नाराजगी के साथ ही अपने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की नाराजगी झेलनी पड़ी है। उसके बाद पार्टी किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की हिंदुत्व कार्ड छोड़ने की कोई योजना नहीं है। पार्टी पदाधिकारी ने कहा, “योगी आदित्यनाथ ने अपने शासन के दौरान हिंदुत्व कारक को जीवंत रूप से रखा है। उन्होंने धार्मिक कारकों को ध्यान में रखते हुए विकास को बढ़ावा दिया है, और निस्संदेह हिंदुत्व के मशाल वाहक के रूप में उभरे हैं। पार्टी इसका फायदा उठाएगी।”