डर एक भयानक हथियार है, जब भी कोई चौंकाने वाली या  दिल दहलाने वाली घटना होती है जैसे भूकंप आना, सुनामी आना या फिर जंग होना तब लोगों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना सामान्य से ज़्यादा होती है. सिर्फ इंसान ही नहीं, जानवर भी कभी-कभी ऐसी परिस्थितियों में आ जाते हैं कि उन का हार्ट फेल हो जाता है…डॉक्टरों के अनुसार जो लोग खेलों को देखने में रूचि रखते हैं उन में दिल का दौरा ज़्यादा उत्तेजना के कारण पड़ता है.

लेकिन क्या केवल इंसानो में ही भय और उत्तेजना के कारण ऐसा होता है? नहीं, चिड़ियों को जाल में फ़साने या पिंजरों में बंद करने के लिए जब शिकारी उनकी तरफ बढ़ते हैं तो उन में से कई चिड़िया कैदी बनने के भय से मर जाती है. अक्सर देखा गया है कि लोग भावनात्मक तनाव के चलते दम तोड़ देते हैं जबकि उन का दिल और धमनियां बिलकुल साफ़ और स्वस्थ होती हैं. इस तरह के केसों में डॉक्टरों ने दिल के निचले हिस्से में बल्ब जैसे दिखने वाले उभार का पता लगाया है, जिसे “ताकोत्सुबो” के नाम से जाना जाता है.

शोर का असर भी जानवरों और पक्षियों पर पड़ता है. दीवाली के दिन पटाखों के शोर की वजह से अनेक पशुपक्षी अपने रहने की जगहों पर मरे पाए जाते हैं. ऐसा नहीं कि उन के शरीर को किसी पटाखे की चोट लगती है, बल्कि वे वातावरण में अचानक पैदा हुए शोरगुल को सहन नहीं कर पाते। शोरगुल भरे अक्टूबर नवंबर महीने में ही शहर में लगभग 20% पक्षी कम हो जाते हैं. हमारे लिए यह समझना भी ज़रूरी है कि दिल और दिमाग का जैसा रिश्ता इंसानो के शरीर में होता है वैसा ही संसार के सभी प्राणियों में भी होता हैं.

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