नई दिल्ली : 2015 की बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने एक रैली में कहा था कि बिहार के लिए 70 हजार, 80 हजार, 90 हजार करोड़ दूं या ज्यादा दूं? चलो सवा लाख करोड़ देता हूं. हालांकि, घोषणा के इस तरीके पर भी तब सवाल उठे थे. अब 18 महीने बाद आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, इस मद में अभी तक एक भी पैसा जारी नहीं किया गया है. बिहार का बंटवारा कर झारखंड राज्य बन जाने के बाद सभी खनिज भंडार और उद्योग बिहार से बाहर चले गए हैं, इसलिए यह राज्य केंद्र सरकार से विशेष राज्य का दर्जा देने और नुकसान की भरपाई के लिए विशेष पैकेज की मांग करता रहा है.
मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से दिसंबर 2016 में मोदी द्वारा विभिन्न राज्यों को भारी सहायता राशि या विकास पैकेज के रूप में दिए गए आश्वासन के संबंध में जानकारी मांगी थी. वित्त मंत्रालय ने सूचना दी कि प्रधानमंत्री द्वारा बिहार के लिए 18अगस्त को घोषित 125,003 करोड़ के विशेष पैकेज के संबंध में परमार ने कहा कि परियोजना चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी, लेकिन अभी तक इसके लिए एक भी पैसा जारी नहीं किया गया है. मजेदार बात यह है कि केंद्र की ओर से वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पेश किए गए आम बजट में भी इसको लेकर कही कोई जिक्र नहीं किया गया है.
गलगली ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, “सत्ताधारी भाजपा द्वारा 125 करोड़ भारतीय आबादी को इतने सारे ‘जुमले’ दिखाए गए हैं. लेकिन, सरकार के अपने आंकड़े उनके बड़े-बड़े दावों को झुठलाते हैं, इसलिए उन्हें गंभीरता से कैसे लिया जा सकता है.”