पटना: बिहार विधानसभा ने सोमवार को 2021 की जनगणना जाति आधारित कराए जाने और विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा लागू लागू की गयी विभागवार रोस्टर प्रणाली को समाप्त करते हुए पूर्ववत विश्वविद्यालय स्तरीय रोस्टर के आधार पर नियुक्ति करने से संबंधित प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया.

बिहार विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार द्वारा पेश उक्त दोनों प्रस्ताव को केंद्र को भेजे जाने को सदन ने सोमवार को ध्वनि मत से पारित कर दिया. बीती 13 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि 2021 में जनगणना जाति आधारित कराए जाने और विश्वविद्वालयों में यूजीसी द्वारा लागू की गई विभागवार रोस्टर प्रणाली को समाप्त करते हुए पूर्ववत विश्वविद्यालय स्तरीय रोस्टर के आधार पर नियुक्ति करने के संबंध में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके केंद्र को भेजा जाए.

राज्यपाल लालजी टंडन के बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र को गत 11 फरवरी को दिए गए अभिभाषण पर चर्चा के बाद अपने संबोधन में गत 13 फरवरी को नीतीश ने कहा था कि वे शुरू से ही जनगणना जाति आधारित कराए जाने के पक्षधर रहे हैं और इसकी मांग 1990 में ही कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के पूर्व 1931 में अंतिम बार जाति आधारित जनगणना हुई थी.

नीतीश ने कहा कि 2011 हुई जनगणना के समय में सामाजिक-आर्थिक जातीय सर्वेक्षण कराया गया था जो कि ठीक से नहीं हो सका था जिसके कारण कोई आंकड़ा तैयार नहीं सका और यह जाति आधारित जनगणना नहीं थी. उन्होंने कहा कि जब एक बार जाति आधारित जनगणना हो जाएगी तो सही मायने में सभी वर्ग की जनसंख्या के बारे में पता चल पाएगा.

नीतीश ने कहा था कि वर्तमान में जो आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा है उसे बढाकर जाति आधारित जनगणना के मुताबिक आरक्षण की सीमा को बढाया जाए और एक खास प्रतिशत निर्धारित किया जाए. उन्होंने विश्वविद्वालयों में आरक्षण की व्यवस्था को लेकर उच्चतम न्यायालय के हाल में आए निर्णय की चर्चा करते हुए कहा था कि इस आरक्षण व्यवस्था के लागू हो जाने से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को बहुत बड़ा नुकसान होगा.

उन्होंने इस मामले में पहले के प्रावधान को बनाए रखने की वकालत करते हुए आग्रह किया था. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि दोनों विषयों पर सदन के इस सत्र के दौरान चर्चा कराई जाएगी.

(Source-PTI)

Adv from Sponsors