भोपाल(आमिर अल्वी): एक बार फिर शहर की पुलिस और राजधानी के शांतिप्रय हिंदू-मुस्लिम नागरिकों ने भोपाल को एक बड़े संकट में फंसने से बचा लिया। षडयंत्रकारियों ने पूरी कोशिशे की थी कि बुधवार की सुबह दहशत और आक्रोश के बीच हो परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ। भोपाल पुलिस ने महज 4 घंटे में भोपाल को सुलगाने की साजिश को नाकाम कर दिया। सोशल मीडिया पर भी कुछ लोगो ने दंगा भड़काने की कोशिशे की परंतु यह पहली बार हुआ कि उसी सोशल मीडिया पर शांतिप्रिय हिंदू-मुस्लिम नागरिक भी सक्रिय हुए और अफवाहों का खंडन किया। अब भोपाल में बुधवार की सुबह खुशनुमा हुई और उम्मीद की जा रही है कि मंगलवार रात जैसे हालात दोबारा नहीं बनेंगे।
क्या है पूरा मामला
हमीदिया अस्पताल में खुदाई के दौरान एक धर्मस्थल के चिन्ह मिले थे। परंतु कुछ षडयंत्रकारियों ने इस मामले को साम्प्रदायिक संघर्ष में बदलने की साजिश रची। कुछ सामाजिक संगठन ने अपील जारी कर अपने समाज के लोगों का आह्वान किया। अपील पर कुछ लोग उपद्रवी के रूप मे एकत्रित भी हुए। इस साजिश के विरोध में दूसरा पक्ष भी मैदान में आ गया। इसी बीच कुछ लोगो द्वाव्रा पथराव शुरू कर दिया गया। दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू होते ही। मौके पर पहुंची डायल 100 पर तोड़ फोड़ की गयी। कुछ वाहनों में आग लगा दी गई। इसी के साथ वाट्सएप पर भड़काऊ संदेशों का प्रसारण शुरू हो गया। शुरूआत का करीब 1 घंटा अनियंत्रित रहा परंतु उपद्रवियों के भड़काऊ संदशों का आम नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ा। लोग मौके पर मौजूद थे परंतु उग्र प्रदर्शन से दूर रहेे।
शुरूआती 1 घंटा बीतने के बाद पुलिस ने इलाके को अपने कब्जे में ले लिया। रेपिड एक्शन फोर्स ने मोर्चा संभाला और आंसूगैस के गोले छोड़े गए। इस दौरान भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज भी किया गया। जिस तेजी से पुलिस सक्रिय हुई और आम नागरिकों का उपद्रवियों को साथ नहीं मिला तो। उपद्रवी अकेले पड़ गए एवं छिपने के लिए यहां वहां भागे। पुलिस ने उनमें से दर्जन भर उपद्रवीयों को मोके पर दबोच लिया। महज 4 घंटे के भीतर हालात पर काबू पा लिया गया।
भोपाल क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक रमन सिंह सिकरवार ने बताया की, “अब हालात सामान्य है। पुलिसबल की तैनाती की गई है। कुछ उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है जबकि अन्य उपद्रवियों की तलाश जारी है। पुलिस की कार्रवाई में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है सभी लोग शांति बनाये रखें।