bhim army presidents brother murdered

बुधवार को सहारनपुर में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के भाई की गोली लगने से मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि उसकी गोली मारकर हत्या की गई हैं। मृतक भीम आर्मी का मीडिया प्रभारी था। बताया जा रहा है कि थाना देहात कोतवाली क्षेत्र के मल्हीपुर रोड स्थित महाराणा प्रताप भवन में राजपूत समाज की ओर से महाराणा प्रताप जयंती मनाई जा रही थी।

वहीं से 100 कदम की दूरी पर ये वारदात हुई है। इस मामले में एसएसपी बबलू कुमार का कहना है कि सचिन वालिया अपना देसी कट्टा साफ कर रहा था और अचानक गोली चल गई, जिस कारण सचिन वालिया की मौत हुई है। इलाके में तनाव की वजह से जिला प्रशासन ने आगामी आदेश तक इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का फैसला किया है। इस दौरान मोबाइल, एंड्रायड मोबाइल और नेट सेवा पूरी तरह से बंद रहेगी।

डॉक्टरों ने किया मृत घोषित

यह हादसा दोपहर एक बजे के आसपास हुआ है। घायल सचिन वालिया को जब तक डॉक्टर के पास ले जाया जाता तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि दूसरे पक्ष के लोगों ने सचिन को गोली मारकर हत्या की है।

सचिन वालिया की मौत की खबर सुनते ही पुलिस प्रशासन में हडकंप मच गया। आनन-फानन में एसएसपी और डीएम अस्पताल पहुंचे। साथ ही साथ मौके पर पुलिस फ़ोर्स तैनात कर दी गई।

बताते चलें कि, पिछले साल पहले भी सहारनपुर जनपद में महाराणा प्रताप जयंती के जुलूस निकाले जाने के बाद जातीय हिंसा भड़क गई थी। जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों घायल हो गए थे। एक गांव में दलितों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया था।

करीब एक सप्ताह पहले भीम आर्मी एकता मिशन ने एसएसपी को पत्र देकर गुहार लगाई थी कि जब विगत अंबेडकर जयंती को दलितों को अंबेडकर जयंती मनाने की अनुमति नहीं दी गई थी तो किसी दूसरे अन्य समाज के लोगों को भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति प्रदान न की जाए। इस पर जिला प्रशासन पेशोपेश में आ गया था क्योंकि राजपूत समाज ने भी जिला प्रशासन के यहां 9 मई 2018 को महाराणा प्रताप जयंती मनाए जाने की अनुमति मांगी थी।

जिला प्रशासन ने महाराणा प्रताप भवन को छोड़कर किसी अन्य स्थान पर कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही थी, लेकिन राजपूत समाज महाराणा प्रताप भवन में ही कार्यक्रम आयोजित करने की जिद पर अड़ा रहा, जिस पर श्रद्धासुमन अर्पित करने और केवल 200 लोगों को जयंती मनाने की अनुमति तय कार्यक्रम स्थल पर दी गई। आरोप है कि राजपूत समाज के कई कार्यकर्ता कार्यक्रम में असलहों का खुला प्रदर्शन कर रहे थे जबकि मौके पर तकरीबन 500 पुलिस वाले भी मौजूद थे।

Read Also: भूकंप के झटकों से थर्राया दिल्ली-एनसीआर, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 

बुधवार की दोपहर हुई सचिन वालिया की मौत के बाद माहौल पूरी तरह से तनावपूर्ण हो गया है। हालांकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। अप्रिय घटना को रोकने के लिए आसपास के जनपदों के थानों से पुलिस के साथ साथ आरएएफ की तीन टुकडी मंगाई गई हैं, जो सहारनपुर पहुंच चुकी और विवादित स्थल रामनगर और मल्हीपुर स्थित महाराणा प्रताप भवन पर तैनात कर दी गई है।

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here