गत सौ साल से भी अधिक समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तथाकथित हिंदुत्व के, और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ संघ की शाखाओं में गितो से लेकर तथाकथित बौद्धिक, खेल तथा रोजमर्रे की कानाफूसी ( Rumers Spreading Society ) के माध्यम से बिमारी के स्तर पर अतिशयोक्ति से भरी बातें फैलाने का परिणामस्वरूप हमने सबसे पहले हमारे देश के बटवारे तक और उसिके नाम पर महात्मा गांधी को खत्म करने की साजिश हुई है !
नाथूराम संघ का सिर्फ़ सदस्य ही नहीं था ! वह स्थानीय स्तर पर बौद्धिक प्रमुख भी था ! तथा ‘अग्रणी’ नाम का विषवमन करने वाली पत्रिका भी चलाया करता था ! जिसे शुरु करने के लिए विशेष रूप से विनायक दामोदर सावरकर ने उसे पैसे दिए थे ! और सावरकर के लेख भी वह अग्रणी में छापता था ! लेकिन उसने गांधी हत्या करने के बाद संघने बोलना शुरू किया कि हमारा नाथूराम से कोई लेना-देना नहीं है !
जैसे मालेगांव तथा समझौता एक्सप्रेस तथा अजमेर शरिफ, हैदराबाद के मक्का मस्जिद और अन्य जगहों पर ब्लास्ट करनेवाले अपराधियों में से एक प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने ब्लास्ट को अंजाम देने के बाद ! संघने तुरंत कहा कि “हमारा प्रज्ञा सिंह ठाकुर के कोई संबंध नहीं है !
2019 के लोकसभा चुनाव में मै दो हफ्तों के लिए, भोपाल में प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ चुनाव प्रचार में शामिल था ! और दुसरी तरफसे प्रज्ञा सिंह ठाकुर के लिए संघ के महिलाओं से लेकर युवा वर्ग और बुजुर्ग लोगों ने अपने आपको झोंक दिया था ! जबकि मालेगाँव विस्फोट के बाद संघ ने कहा कि हमारे और प्रज्ञा सिंह ठाकुर के कोई संबंध नहीं है ! और इस महिला के खिलाफ शहिद हेमंत करकरेने अपनी जांच के बाद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की मोटर साइकिल से लेकर प्रज्ञा और उसके सभी साथियों के संबंध संघ के साथ निकले हैं ! और इसिलिये उसे छुड़ाने के लिए संघ की राजनीतिक इकाई भाजपा और उसके शिर्षस्थ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर उसे जेल में अच्छी तरह से रखने की शिफारिश की है ! और प्रज्ञा सिंह ठाकुर का और क्या योगदान है ? कि उसे भोपाल से भाजपा लोकसभा का टिकट देकर, अमित शाह से लेकर निर्मला सितारमण तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता भोपाल में प्रज्ञा सिंह ठाकुर के प्रचार-प्रसार के लिए आए हुए ! मैंने खुद मई 2019 में भोपाल में देखा हूँ ! और प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने चुनाव प्रचार में गोडसे के महिमामंडन करने से लेकर महात्मा गाँधी जी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणीया की है ! और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने “मै प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कभी भी माफ नही करुंगा ” कहा है ! फिर भोपाल से चुनाव जितने के बाद लोकसभा की रक्षा विभाग से लेकर कई संवेदनशील विभागों की कमिटियों में प्रज्ञा सिंह ठाकुर किसके शिफारिश के वजह से है ? या यही नरेंद्र मोदीजी के माफी नहीं देने के एवज में है ?
वैसे ही नाथूराम के बारे में गांधी जी की हत्या के बाद, नाथूराम के साथ संघ के कोई संबंध नहीं, कहने वाले संघी आज 78 सालों में नाथूराम के मंदिरों का निर्माण करने से लेकर, उसके उदात्तीकरण करने के लिए नाटक- सिनेमा और उसके जन्मदिन से लेकर फांसी की सजा के दिवस को मनाने वाले कौन लोग है ?
भिष्म साहनी ने तमस नाम के उपन्यास में संघ के सयंसेवकोके प्रशिक्षण से लेकर मस्जिदों में सूअरों के मांस फेकने, और मंदिरों में गोमांस के टुकड़े फेकने की, संघी हरकतों को अपने उपन्यास में आजसे पचहत्तर साल पहले ही रेखांकित किया है ! जिसपर टीवी सिरियल भी बना हुआ है !
वैसे ही जिस सरदार पटेल को लेकर आजकल संघ और उसकी राजनीतिक ईकाई भाजपा महिमामंडन कर रहा है ! उन्होंने संघ के बारे में गृहमंत्री के हैसियत से बंदी की कारवाई करने से लेकर, यह संघठन किस तरह से हमारे संविधान को नकारने से लेकर, तिरंगा झंडा की जगह भगवा झंडा फहराने के उदाहरण नागपुर से लेकर जगह – जगह करने की कृती का सज्ञान लेकर ! और संविधानिक रुप से चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेकने के संघ के षड्यंत्र का सज्ञान लिया है ! और संघ के तत्कालीन प्रमुख श्री. माधव सदाशिव गोलवलकर के साथ पत्राचार में उन्होंने गोलवलकर को संविधान तथा राष्ट्रीय झंडा तिरंगे के प्रति निष्ठा के लिए और संघ का अपना संविधान लिखित रूप से करने के लिए ! अंडरटेकिंग लिखने के लिए कहा था ! और गोलवलकर ने अंडरटेकिंग अपने संघठन के उपर लगाया हुआ बैन हटाने के लिए सिर्फ दिखावे के लिए लिखकर तो दिया ! लेकिन कभी भी संविधान के प्रति आदर भाव प्रकट नहीं किया ! उल्टा मनुस्मृति जैसे कालबाह्य और स्रि-शुद्रो के बारे में अत्यंत हीन स्तर पर अलग – अलग कानून का प्रावधान किया हुआ है ! ऐसे घटिया कालबाह्य ग्रंथ को संविधान का स्थान देने की कोशिश आज बदस्तूर जारी है !
संघ का अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ जहरीला प्रचार – प्रसार के बदौलत भारत के सभी सांप्रदायिक दंगों से लेकर मॉबलिंचिंग, तथा मुजफ्फरनगर के स्कूल की शिक्षिका ने अल्प संख्यक समुदाय के छात्र को अन्य विद्यार्थियों से पिटाई करने की कृती से लेकर ! जयपुर मुंबई एक्सप्रेस में एक रेल्वे सुरक्षा गार्ड के तरफसे की गई हत्याएं ! और उसने हत्या करते हुए नरेंद्र मोदी और आदित्यनाथ जिंदाबाद के नारे देना किस बात के प्रतिक है ?
अगर हमारे देश के शिक्षक इस तरह जाती – धर्म के आधार पर बच्चों के साथ व्यवहार करेंगे ! तो आने वाली पीढ़ी किस तरह से संस्कारों को लेकर आगे समाज में आएंगे ? और रेल्वे सुरक्षा के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया दल का सिपाही सुरक्षा की जगह यात्रा कर रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उनके वेशभूषा देखकर ही गोली मारकर हत्या कर दी ! तो मेरे जैसा और नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे दाढी रखकर रेल मे यात्र करेंगे तो क्या हमारी भी गोली मारकर हत्या कर दी जाएगी ?
यह दोनों घटनाओं को देखते हुए मै गत पैतिस सालों से भागलपुर दंगे के बाद ( 1989 ) लगातार बोल लीख रहा हूँ, “कि हमारे देश की आने वाली पचास वर्षों की राजनीति सिर्फ़ और सिर्फ़ सांप्रदायिकता के मुद्दे के ईद – गिर्द ही घुमेगी ! और हमारे रोजगार, महंगाई, कृषि तथा दलितों – आदिवासीयो तथा महिलाओं, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषय दोयम दर्जे के हो जाएंगे !” क्या आज का माहौल देखकर ऐसा लगता नहीं ?
वाराणसी के सर्व सेवा संघ के परिसर में जबरदस्ती से घुसपैठ करते हुए ! वहां की इमारतों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया ! वैसे ही वाराणसी के अगल बगल के देहातों की किसानों की जमीन को बंजर भूमि घोषित करने के बाद उसे किसी परियोजना के लिए कब्जा करने की कृती यह दोनों ताजा उदाहरण दे रहा हूँ !(कल ही वाराणसी के गांव के लोग नाम के पोर्टल पर इस बात की विस्तृत जानकारी दी गई है!और उसी पोर्टल पर इसी महीने के शुरुआत में सर्व सेवा संघ की जमीन पर कब्जा करने की भी स्टोरी दी गई है ! )
वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी का संसदीय क्षेत्र है ! क्या नरेंद्र मोदीजी को यह सब घटनाओं की जानकारी नहीं है ? और नहीं है तो उन्हें अपने संसदीय पद से इस्तीफा दे देना चाहिए ! ऐसा संसद सदस्य जो अपने संसदीय क्षेत्र में इस तरह की असंवैधानिक गतिविधियों की अनदेखी कर रहा है ! या यह सब कुछ उनके इशारे पर ही हो रहा है ! अगर नरेंद्र मोदीजी के इशारे पर ही हो रहा है ! तो उन्हें इस देश के प्रधानमंत्री बने रहने का कोई भी अधिकार नही है ! क्योंकि वह अपने ही संसदीय क्षेत्र के लोगों के जानमाल की सुरक्षा नही कर पा रहे हैं ! तो फिर इस देश के 140 करोड जनसंख्या के लोगों की जानमाल के सुरक्षा भी खतरे में है !
भले ही लाल किले की प्राचिर से हमारे देश की आबादी को ‘टिम इंडिया’ और “सबका साथ सबका विकास” जैसे जुमलेबाजी की होगी ! लेकिन नौ सालों में सिर्फ कुछ चंद धन्नासेठों की तिजोरीया भरने के अलावा, सर्व सामान्य लोगों को महिने का पांच किलो सडा हुआ अनाज की भीक, और किसी को मामुली रुपये देकर मोदीजी को लगता होगा कि वह लोगों को भ्रमित करने में कामयाब हो गए हैं तो यह उनका खुद का भ्रम है !
9 सालों में संपूर्ण देश की संपत्ति को प्रायवेट मास्टर्स के हवाले करने के अलावा और कोई महत्वपूर्ण कार्य किया नहीं है ! विश्व में भारत की आधी से अधिक आबादी युवाओं की है ! लेकिन कितने युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध है ? आपको लगता होगा कि थोडी खैरात बाँटने से लोग खुश हो जाएंगे, तो यह आपकी गलत फहमी है ! आम आदमी महंगाई और बेरोजगारी की वजह से परेशान है ! और यह परेशानी 2024 के चुनाव में प्रकट होने वाली है ! (अगर वोटिंग मशीन से कुछ छेड़छाड़ नहीं की तो ! )
सिर्फ राममंदिर और चांद पर यान ले जाने से और चौबीसों घण्टे तथाकथित मिडिया में पाकिस्तानी सेना की तुलना में हमारे सेना कैसी भारी-भरकम है ! यह हमारी सुरक्षा को दाव पर लगाने की गलतियाँ करना राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना हो रहा है ! रक्षा के रहस्य ऐसे चिल्ला – चिल्ला कर ढोल पिटकर उजागर करना हमारे रक्षा के लिए खतरनाक है ! आमूमन कोई भी सशक्त देश ऐसी गलती नहीं करते हैं ! जो कि आप हर बात को चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल करने की कृती बिमार मानसिकता का परिचायक है !
आम लोगों के सवालों में कुछ भी फर्क नहीं पड़ा है ! महंगाई तथा बेरोजगारी की मार झेल रहा है ! और यह सब आनेवाले चुनाव में शत प्रतिशत प्रकट होने वाला है ! “जनता आ रही है, कि सिंहासन खाली करो” !
डॉ. सुरेश खैरनार, 27 अगस्त 2023, नागपुर