खान अशु

 

एक चमचमाती गाड़ी हो, नौकरी बीवी को भी बहलाने वाली हो ….?

किसी को पूरी उम्र की नौकरी स्कूटर, बाइक, लखटकिया कार की ईएमआई भरते गुजरती है, गुजर जाए….! किसी को अपना घर सजाने में आधा पीएफ अकाउंट ख़तम होता है, हो जाए….! जरूरत, महत्त्वाकांक्षाओं और लालच के बीच एक कड़ी बेईमानी की भी होती है, जो हर समस्या का समाधान बन जाती है….!

शहर में कुछ साल पहले पधारे एक सरकारी साहब… महत्वाकांक्षाओं से भरी उनकी इच्छाएं, तमन्नाएं, जरूरतें….! बरसों से एक छोटे स्कूल और एक एनजीओ के सहारे कामयाबी (?) की सीढियां चढ़ने को आतुर पुरानी बस्ती के पिछड़े इलाके में बसने वाले एक और महत्वाकांक्षाओं से लबरेज भैया जी….! राम मिलाई जोड़ी की कहावत शायद इन्हीं हालात के लिए बनी होगी…! दोनों मिले, अरमानों, इच्छाओं, तमन्नाओं, जरूरतों का आदान प्रदान हुआ….! कुछ भी कर गुजरने की हद तक जाने की स्वीकारोक्ति हुई और मिशन “सब कुछ पाना है…” शुरू….!

नैतिकता की हदें लांघ कर, बेईमानी की पराकाष्ठा पार कर, भोपाल से दिल्ली मुंबई वालों को हर तरह (?) से खुश करने की नीयत से कोशिश शुरू हुई तो साहब के पास चमचमाती इक्कीस लाख की कार, बीवी के चेहरे पर मुस्कुराहट बरकरार रखने उनके भाई के लिए हजारी नौकरी और मन् प्रफुल्लित रखने के लिए नैन सुख के इंतजाम हो गए….! काम के लिए छटपटाने वाले और किसी भी हद तक जाने को तैयार रहने वाले ईश्वर दूत के हाथ पैंतीस करोड़ी, लंबे अरसे तक चलने वाला काम ट्रांसफर हो गया….! ये भी खुश, वह भी मज़े में, मुश्किल में सिर्फ वह, जिनके नाम पर सरकार का खजाना खाली होने के हालात बनने वाले हैं….! न क्लस्टर को फायदा, न कामगारों को रोजगार, खुश सिर्फ राम मिलाई जोड़ी….!

पुछल्ला
कुछ तो लोग कहेंगे
बरसों से काम के लिए समर्पित रहने वाले, कई कामों से खुद को साबित कर चुके, दिल्ली मुंबई वालों को खुश रखने वाले अब भोपाल की बदली व्यवस्थाओं और यहाँ  यहाँ बैठे नियतखोरो की नई जुगलबंदी से हैरान हैं। जो गलत हो चुका, जो नियमविरुद्ध हो रहा है और आंखें बंद कर जो फर्जीवाड़ा करने की तैयारी है, उसके खिलाफ आवाज बुलंद होने की तैयारी है। परिणाम भी जल्दी आने की उम्मीद है। बेईमानी से, बेईमान कामों को रोकने, बेईमानी का रास्ता भी अपनाया जाए तो किसी को ताज्जुब नहीं होना चाहिए।

25 अक्टूबर 2020

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