यह अच्छी बात है कि अति गोपनीय रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॅा), देश की विदेशी खुफिया एजेंसी, अक्सर खबरों में नहीं आती है. हालांकि, मध्य प्रदेश कैडर और 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी एके धस्माना के नाम की चर्चा अगले रॅा चीफ के रूप में होनी शुरू हो गई है. मौजूदा रॅा चीफ राजिंदर खन्ना की जगह उनका नाम सामने आ रहा है. खन्ना का कार्यकाल अब समाप्त होने वाला है. इस बीच, सीबीआई की विशेष अदालत ने एजेंसी को रॅा के पूर्व प्रमुख एके वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है. वर्मा पर सीक्रेट सर्विस के लिए आवंटित धन में हेराफेरी करने और व्यक्तिगत लाभ उठाने के लिए एजेंसी के दुरुपयोग का आरोप है. आरोपों की गंभीरता का इसी से पता चलता है कि शिकायतकर्ता आरके यादव खुद रॅा के पूर्व अधिकारी हैं और मजबूती से 2009 से मामले को आगे बढ़ा रहे हैं. यादव ने वर्मा पर आरोप लगाया है कि 1987-1990 के बीच अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंनेे गबन और पद का दुरुपयोग किया. वर्मा ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि यादव एक असंतुष्ट अधिकारी है जिसे उसके कार्यकाल के दौरान सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और केवल बदले की भावना से वह ऐसा कर रहा है. सच तो शायद तब सामने आएगा जब तीन महीने बाद सीबीआई जांच का निष्कर्ष सामने आएगा.
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