भोपाल: बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी तेजस्वी सूर्या ने सोमवार को भोपाल में कहा कि भोपाल का चुनाव दो प्रत्याशियों और दो दलों का चुनाव नहीं है, बल्कि इस चुनाव में एक तरफ धर्म, राष्ट्रवाद की विचारधारा वाले लोग हैं, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की भाषा बोलने वाले लोग हैं. यह लड़ाई भारत और पाकिस्तान के एजेंटों के बीच है. तेजस्वी सूर्या ने मानस भवन में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में कहा, “हर युवा भगवा टी-शर्ट और भगवा पगड़ी पहने बैठा हुआ है. यह नए भारत का युवा है, पढ़ा-लिखा और समझदार युवा है, जो सच और झूठ के बीच में बेहतर अंतर समझता है. हमारी सनातनी हिन्दू परंपरा को जिन लोगों ने बदनाम करने की कोशिश की है, उसे भी यह युवा बेहतर समझता है.
उन्होंने कहा, “कांग्रेस प्रत्याशी दिग्जिवय सिंह के समर्थन में जो लोग भोपाल आ रहे हैं, मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी (आप) की प्रत्याशी आतिशी मार्लेना के माता-पिता ने आतंकी अफजल गुरु के लिए माफी दिए जाने का अभियान चलाया था. जबकि अफजल चिन्हित आरोपी था. क्या, ऐसे लोगों का समर्थन करना देश विरोधी विचाराधारा को बढ़ावा देना नहीं है?”
तेजस्वी सूर्या ने कहा, “भोपाल का युवा सौभाग्यशाली है, जिसे उन लोगों को जवाब देने का मौका मिला है, जिन्होंने हमारी परंपराओं को बदनाम करने की कोशिश की है. भोपाल का यह चुनाव 2019 का टर्निग पाइंट है. आने वाले पांच दिनों में ऐसा माहौल बनाना है कि पाकिस्तान की भाषा बोलने वाले दिग्विजय सिंह और उनके समर्थक स्वयं हार स्वीकार कर लें.”
उन्होंने कहा, “हर युवा बूथ का चौकीदार बनकर काम करे. क्योंकि प्रत्येक बूथ जीतकर ही हम ऐतिहासिक जीत का इतिहास रचेंगे. मतदान के दिन हर युवा भगवा टी-शर्ट पहनने और सोशल मीडिया पर मतदान के बाद अपनी फोटो डाले.”
तेजस्वी ने आगे कहा, “भोपाल में हो रहा यह चुनाव साधारण चुनाव नहीं है. भारतवर्ष ही नहीं विश्व में जो हिन्दू हैं, वह भोपाल की तरफ देख रहे हैं. क्योंकि कांग्रेस, दिग्विजय सिंह, राहुल गांधी और इनके नेताओं ने हमारी संस्कृति का अपमान किया है. उसे गलत ढंग से प्रचारित किया.”
इस मौके पर पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा, “यह कलयुग है, यहां पर राष्ट्रविरोधी ताकतें फन उठाती हैं. जिसे हमें कठोरता के साथ जवाब देना है. कलयुग में कंस प्रवृत्ति के लोगों के नाम कन्हैया रखे जाने लगे हैं. लेकिन कलयुगी कन्हैया पर भारतीय जनता युवा मोर्चा का एक-एक कार्यकर्ता भारी पड़ेगा.” (इनपुट आईएएनएएस से)