हिंदू संगठन राम मंदिर निर्माण को लेकर अपनी मांग को लगातार बढ़ा रहे हैं. चाहे वो विश्व हिंदू परिषद हो या फिर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ हर कोई लगातार यही मांग कर रहा है कि आखिर मंदिर का निर्माण कब होगा और अब इसी कड़ी में आरएसएस ने संकल्प रथ यात्रा का आगाज किया.

आरएसएस ने 1 दिसंबर को संकल्प रथ यात्रा का आगाज दिल्ली के झंडेवालान मंदिर से किया. बता दें कि ये यात्रा 1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक चलता रहेगा. इस दौरान आरएसएस की ये योजना है कि वह पूरी दिल्ली का भ्रमण करेगी और मंदिर निर्माण के पक्ष में लोगों को एकजुट करने की कोशिश करेगी.

वहीं, इस संकल्प रथ यात्रा के दौरान आरएसएस के अनेकों कार्यकर्ता  बढ़ चढ कर हिस्सा ले रहे हैं. वहीं, सियासी प्रक्षेकों का मानना है कि आरएसएस अपनी इस यात्रा माध्यम से राम मंदिर निर्माण की मांग की गति को बढ़ाना चाहता है.

गौरतलब है कि इससे पहले भी विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर धर्मा सभा का आयोजन किया था. इतना ही नहीं, बाद में इस की बैठक के दौरान अनेकों हिंदू संगठनों ने भी बढ़चढकर हिस्सा लिया था.

वहीं, इस धर्म सभा की बैठक के दौरान आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि 1 साल पहले मैंने आप लोगों से खुद कहा था कि आप लोग राम मंदिर निर्माण को लेकर थोड़ा धैर्य  बनाए रखे, लेकिन अब मैं आप से खुद कहता हूं अब हमें अपना धौर्य ध्वस्त कर देना चहिए.

गौरतलब है वर्तमान में राम मंदिर का मसला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. राम मंदिर प्रकरण को लेकर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट ही लेगी. लेकिन, अभी तक कोर्ट ने सुनवाई की तारीख तय नहीं की है, जिसको लेकर हिंदू संतों में संशय की स्थिति बरकरार है.

वहीं, हिंदू संतों में कुछ संगठनों में कुख खेमा ऐसा भी है जो अध्यादेश लाने या फिर कानून लाने की बात कह रहा है. बता दें कि इस दौरान सांसद मनोज सिन्हा ने तो यहां तक कह दिया था कि हम इस बार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करेंगे और तब देखेंगे कि कौन मंदिर निर्माण के पक्ष में खड़ा  होता है और कौन नहीं.

 

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