नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि अयोध्या विवाद दोनों पक्षों (हिन्दुओं और मुसलमानों) के बीच बातचीत से हल हो सकता है. इसे अदालत में क्यों घसीटा जा रहा है? मुझे विश्वास है कि बातचीत के जरिया इसे हल किया जा सकता है. भगवन राम पूरी दुनिया के हैं, केवल हिन्दुओं के नहीं हैं.”
समाचार एजेंसी के हवाले से मिली खबर के मुताबिक फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा है कि “भगवन राम से किसी को बैर नहीं, और न होना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए (मसले को) सुलझाने की और (बात) बनाने की. जिस दिन यह हो जाएगा मैं भी एक पत्थर लगाने जाऊँगा.”
गौर तलब है की आज ही सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई को 10 जनवरी तक के लिए टाल दिया. इसके अलावा कोर्ट ने रोजाना सुनवाई की मांग को भी खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच से इस मामले में जल्द सुनवाई करने की मांग की गई थी. इसी बेंच को यह भी फैसला करना था कि इस विवाद को किस बेंच के हलवाले किया जाए.