नई दिल्ली,(विनीत सिंह) : सरकार की तरफ से पिछले साल 8 नवम्बर को नोटबंदी का ऐलान किया गया था और तब से लेकर अब तक दो महीने बीत चुके हैं लेकिन इसके बाद भी हालात सामान्य होने का नाम नही ले रहे हैं. नये साल पर प्रधानमंत्री लोगों को संबोधित कर चुके हैं लेकिन उनके संबोधन से आम लोगों को कोई भी राहत नही मिली है.
लोग लगातार पैसे निकालने के लिए एटीएम की लाइनों में लग रहे हैं जब होम ब्रांच का एटीएम नही मिलता है तो लोगों को मजबूरन दूसरी ब्रांच के एटीएम में लाइन लगनी पडती है जिसके चलते एटीएम की लिमिट ख़तम हो जाती है और एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ता है.
दो महीने बीत जाने के बाद एटीएम यूज के चार्ज को सरकार ने हटाया नहीं है जिससे आम लोगों में रोष हैं. दूसरे एटीएम से पैसे निकालने पर ट्रांजेक्शन चार्ज को लेकर अभी भी लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ है. केवल 20 प्रतिशत एटीएम ही काम कर रहे हैं।
आरबीआई की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई भी न्य ऐलान नही किया गया है. नोटबंदी से पहले एसबीआई, पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक प्रति ट्रांजेक्शन के लिए 15 रुपये चार्ज करते थे। क्योंकि उनका एटीएम नेटवर्क काफी बड़ा है। वहीं बाकी बैंक 20 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन लेते थे।
सरकार ने दो जनवरी को स्पष्ट किया है कि होटल और रेस्तरां में यदि ग्राहक सेवा से संतुष्ट नही हैं तो वो सेवा शुल्क को हटवा सकते हैं. केन्द्र सरकार ने राज्यों को आदेश दिया है की वो होटल और रेस्तराओं में इस बारे में नोटिस बोर्ड के जरिये ये जानकारी दे.