नई दिल्ली : भारत में सैकड़ों सालों से बीमारियों का इलाज करने के लिए वैद्यों को बुलवाया जाता था जो जड़ी बूटियों की मदद से इलाज करते हैं लेकिन पुराने तरीकों से इलाज करने की ये परम्पराएं आज भी भारत के कुछ इलाकों में देखने को मिलती है इसी परंपरा का पालन करते हुए भारत में एक और स्थान है जहाँ पर मछली खिलाकर दमे का इलाज किया जाता है.
जी हाँ ये बिलकुल सच है दरअसल हैदराबाद में बधिनी गौड परिवार करीब 170 सालों से इस अनूठे उपचार शिविर का आयोजन करता है। जहां वे अस्थमा के मरीजों को निःशुल्क ‘मछली प्रसाद’ मुहैया कराते हैं। यह परिवार 1845 के बाद से इस चमत्कारी मछली की दवा का वितरण कर रहे हैं।
इस उपचार शिविर का आयोजन हर साल किया जाता है और यहाँ पर हज़ारों की तादात में देश विदेश से लोग अपना उपचार करवाने आते हैं. यहाँ के लोगों का ऐसा मानना है कि सिर्फ एक बार इस दावा का सेवन करने से ही दम के रोगी को इसका फायदा हो जाता है.
इस साल मृगसिरा कार्ती मछली प्रसादम ट्रस्ट चार लाख मरीजों को प्रसाद देने के लिए करीब 200 किलोग्राम मछलियों की व्यवस्था की है। यह आयोजन मानसून की शुरुआत में जून में हर साल मृगसिरा कार्ती की रात में होता है।
कहते हैं गौड़ परिवार को एक संत ने इस चमत्कारी दावा के बारे में बताया था और तभी से ये परिवार लगातार इस दावा को मुफ्त में लोगों को बांटते हैं लेकिन इस सब के बावजूद गौड़ परिवार को लोगों के भारी विरोध का सामना भी करना पड़ा है. लेकिन अब हर साल होने वाले इस आयोजन को राज्य सरकारों का समर्थन मिलता है। इस वर्ष भी तेलंगाना सरकार ने स्थल के आस-पास सभी जरूरी व्यवस्थाएं कराई हैं और कई हजार पुलिसकर्मी तैनात किए हैं।