नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम को जोधपुर की अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही अन्य दो दोषियों शिल्पी और शरद को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है. बता दें कि जज के फैसला सुनाते ही दोषी आसाराम रो पड़ा और बेजान सा हो गया.
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अदालत के विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में आसाराम के मामले पर यह फैसला सुनाया है. न्यायाधीश मधुसूदन ने बिना लांच किये आसाराम मामले में करवाई की.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी के साथ बलात्कार करने का आरोप है जो मध्य प्रदेश के ङ्क्षछदवाड़ा स्थित उनके आश्रम में पढ़ाई कर रही थी वहीं आसाराम ने बलात्कार के आरोपों का खंडन किया है. पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था.
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ऐसे में आसाराम मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी मामलों की विशेष सात अदालत में 7 अप्रैल को पूरी हो गई थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रखा गया था.
वही सजा का ऐलान होते ही आसाराम कोर्ट में रोने लगाया और बेजान-सा हो गया. कोर्ट में ही इसी दौरान उसकी तबीयत भी बिगड़ गई. जिसके बाद जेल में एंबुलैंस बुलाई गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आसाराम को सिर दर्द की शिकायत हुई है.
आशाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक मामला चल रहा है जिसमें उच्चतम न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को पांच सप्ताह के भीतर सुनवायी पूरी करने का निर्देश दिया था। आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने, तीन बार राजस्थान उच्च न्यायालय और तीन बार उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया.