डाॅ सुरेश खैरनार

यही विनती पेड है जिनसे सेंट बनाया जाता है ! कर्बिलोँग में इसे आगर कहते हैं !इसी आगर के पेडके तनेको छीलकर बदरुद्दीन अजमल युनाइटेड मुस्लीम फ्रंट नामकी पार्टीके नेता तथा लोक सभा सांसद का आजरा नामकी जगह पर तेल निकाल कर उसका सेन्ट बनाते हैं और वह पूरे विश्व में मुख्यतः खाडी के देशो में मशहूर है और इसी तरह इस लकडी का भी खाडी देशोमे बहुत मांग है इसे जलाकर घरमे इसकी खुशबू लेनेकी पार्टी होती है और वहा यह धारणा है कि इसकी खुशबू से पौरुष शक्तियों में बढोतरी होती है इसलिये इस लकडी की मांग काफी है और कर्बी लोग इसकी खेती करते हैं !


बाकी कर्बि मकानों की तथा उनके संसाधनों की तस्वीरें हैं ! लगभग सभी चीजों को वे खुद अपने घर के पास उप्लब्ध संसाधनोसे बनाते हैं उदाहरण के लिए यह मकान की दीवार सम्पुर्ण बास से बनायी है ! दूसरे फोटो मे उनके रोजमर्रा के जीवन में इस्तमाल करने वाली वस्तुओं का निर्माण भी सुखी लौकी,बास,नारियल,सुपारी के पत्ते तथा मट्टी,गोबर इत्यादि का उपयोग करते हैं


बोडोलैंड की बात तो हम लोगो को मालुम है लेकिन कर्बिलोंग उससे भी पहले से स्वायत्त निकाय है और मै उसी परिवार का मेहमान था जिन्होंने कर्बिलोंग की स्वायत्तता की लडाई लडी है और वह तिन बार वहासे सांसद भी रहे हैं रोन्गपी ! डॉ मोन्गोव रोग्पी उनका बेटा है और फिलहाल वह आसाम कॉंग्रेस्का प्रवक्ता भी है और कफी सक्रिय हैं ! स्थानीय मुद्दो को लेकर हमेशा कुछ ना कुछ आंदोलन धरना प्रदर्शन करते ही रहता है ! काफी यंग और डायनामिक कार्यकर्ता हैं !


कर्बिलोंग बहुत ही सुंदर इलाका है पूरा पहाडीपर बसा हुआ है एक तरफ नगालैंड और दुसरी तरफ मेघालय है ! आसाम मुलताह स्थानीय जनजाती ओ का इलाका है और इसीलिये उनके द्वारा स्वायत्त निकाय की मांगे समय समय पर की जाती है जिसे हम लोग अलगाववादी तत्व कहते रहते हैं ! जो सर्वस्वी गलत है क्योंकि भारत इतनी विभिन्न जनजातियोका देश है इसे एक रंग में रंगने की गलती संघ परिवार के लोगों द्वारा करने की कोशिश चल रही है वो भारत के अखंडता और एकता के लिए खतरा है ! विभिन्नता में ही एकता संभव है ! जोर जबरदस्ती करने से कश्मिर जैसे हालात पैदा होते हैं ! 5 अगस्त 2019 को 370 हटाकर बहुत बडी गलती की है और कश्मीर की स्तिथी और बदतर बनानेकी गलती सन्घके जाहिलियत भरे अजेंडा के कारण हुई है और ऊत्तर पूर्व मे 371 का कश्मिर जैसाही प्रावधानों के अनुसार वहाके सेवन स्टेटोमे राजकाज चलता है लेकिन कश्मिर मुस्लीम बहुल क्षेत्र होनेके कारण सन्घके राडार पर हमेशा से रहा है और आज 370 का प्रावधान खत्म करने की वजह भी वही है ! 371 को छू कर देखो ? और भारत के आदिवासियो के लिए 5 वी और 6 वी सूची में डाला गया है ! वहाके भी जंगल,जमिन और मुख्य रूप से खनिज संपदा औने पौने दामौमे कार्पोरेट को बेचने की राजनीति जारी है!


जैसा अभिके लोक सभा का सत्र सिर्फ सरकार कुछ विधायकों की पारीत करने की औपचारिकता पूरी करने के लिए बुलाया और चालकिसे विरोधी दलों को बायकाट करने के लिए मजबूर कर के आनन फानन मे सात बिल बगैर किसी चर्चा किये पास करने की घोषणा कर दी ! याने लोक सभा ना हुई बिजेपिकी पार्टी की आपसी मिटिंग हो कर रह गई ! यह संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में प्रथम बार हुआ है और इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा क्योंकि सबके सब बिल कॉर्पोरेट सेक्टर के सुविधा के लिए बदलकर रखे गए थे ! और राज्य सभा में सरकार का बहुमत नहीं होने के कारण 8 सांसदो को संपुर्ण सत्र के लिए बर्खास्त करने की कृती राज्य सभा में अपना रास्ता साफ कर लिया है ! और अब दावा कर रहे हैं की संसद का काम रेकोर्ड ब्रेक समय में संपन्न हुआ ! इतनी बेशरमी ! संपुर्ण विरोधी दलों के लोगों की गैरहाजिरी मे बिल पास करनेकी कवायद भारत के संसदिय इतिहास में प्रथम बार करके बिजेपिने लोकतंत्र का गला घोटा है !

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