दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल आजकल माफ़ी मांगो राजनीति कर रहे हैं जिसके तहत वो अपने बयानों और आरोपों पर लोगों से माफ़ी मांगते फिर रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने जहाँ पहले अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया पर लगाए गये ड्रग तस्करी के आरोप के बाद उनसे लिखित माफ़ी माग ली थी वहीँ अब केजरीवाल ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल व उनके बेटे अमित सिब्बल से भी माफी मांग ली है. लेकिन केजरीवाल को देखकर ऐसा लग रहा है कि माफ़ी मांगने का ये दौर अभी थमने वाला नहीं है.
लोग तो अब ये उम्मीद लगा कर बैठे हुए हैं कि केजरीवाल अरुण जेटली से कब माफ़ी मांगते हैं. दरअसल जेटली ने केजरीवाल पर 10 करोड़ रुपए का मुकदमा किया है. केजरीवाल मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और हरियाणा के नेता अवतार सिंह भड़ाना से माफी मांग चुके हैं. वहीं अब उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कह रहे हैं कि वे किसी अहम (इगो) में रुचि नहीं रखते हैं.
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कानूनी पचड़े में समय नहीं खराब करना चाहते, बल्कि लोगों की सेवा करना चाहते हैं. विधानसभा परिसर में डिप्टी सीएम ने कहा कि अगर कोई हमारी टिप्पणी से आहत होता है, तो माफी मांग लेंगे. हम इसे अहं का टकराव नहीं बनाएंगे. लोगों के लिए काम करने आए हैं. हमारे पास कोर्ट कचहरी जाने का वक्त नहीं है. हमने खुद के लिए समय निकाला है, ताकि लोगों के लिए लड़ सकें.
कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि केजरीवाल शायद इसलिए माफ़ी मांग रहे हैं क्योंकि वो नये सिरे से अपनी राजनीति की शुरुआत करना चाहते हैं जिसमें कोई भी झमेला ना हो और वो अपने काम पर ध्यान दे सकें और किसी कानूनी पचड़े में भी ना फंसे, खैर केजरीवाल की असली मंशा क्या है ये तो उनके अलावा कोई नहीं बता सकता है लेकिन उनके इस कदम का उन्हें राजनीतिक फायदा मिलेगा या नुकसान ये बात आने वाले समय में पता चलेगी.