हाल के दिनों में सियासी उठापटक का केंद्र रहे अरुणाचल प्रदेश में एक और बड़ा उलटफेर हुआ है. मुख्यमंत्री पेमा खांडू सहित पीपीए के 33 विधायक शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए. गौरतलब है कि दो दिन पहले ही पिपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल ने सीएम खांडू समेत 11 विधायकों को पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप से सस्पेंड कर दिया था. खांडू को विधायक दल के नेता पद से भी हटा दिया गया था. पीपीए प्रेसिडेंट काहफा बेंगिया ने शुक्रवार को कहा था, सीएम खांडू, डिप्टी सीएम चोवना मेन और विधायकों के खिलाफ बीजेपी से नजदीकी बढ़ाने पर सस्पेंशन की कार्रवाई की गई है. अब इन विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद 60 सीटों वाली असेंबली में पीपीए के पास सिर्फ 10 विधायक ही बचे हैं.
भाजपा को हुए इस फायदे के बाद महासचिव राम माधव ने कहा है, अब अरुणाचल में सीएम पेमा खांडू की लीडरशिप में भाजपा की सरकार होगी. सीएम समेत पीपीए के 33 विधायकों ने भाजपा ज्वाइन की है. 60 सीटों वाली असेंबली में अब बीजेपी के पास 45 विधायकों का बहुमत है, 2 निर्दलीय विधायकों का भी सपोर्ट है.
गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में नवाम तुकी की कांग्रेस सरकार गिर गई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. बाद में 19 फरवरी को कालिखो पुल ने बीजेपी की मदद से थोड़े वक्त के लिए सरकार बनाई थी. इसके बाद कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट गई और कोर्ट ने उसके हक में फैसला दिया. विधायकों ने पेमा खांडू को नए सीएम के तौर पर चुन लिया. इसके बाद 9 अगस्त को कालिखो पुल ने खुदकुशी कर ली थी. सबसे बड़ी उठापटक उस समय हुई जब, जब सीएम पेमा खांडू और स्पीकर तेनजिंग समेत 41 विधायक पीपीए में शामिल हो गए थे.