नई दिल्ली: इस देश में सीडी रखना अपराध है, या किसी दल से संपर्क रखना, या फिर पत्रकार होना, या कि राजनीतिक कार्यकर्ता होना, बताना दिनोंदिन मुश्किल होता जा रहा है. कब किस मसले पर किसके घर कौन धमक पड़े बताना मुश्किल है.
आपने सरकार के खिलाफ बोला कि आपके घर पुलिस धमक सकती है. इनकम टैक्स का छापा पड़ सकता है, प्रवर्तन निदेशालय की टीम भी ग्रिल कर सकती है. आपका कोई पुराना मामला, कोई टेप हवा में उछल सकता है.
बीबीसी और अमर उजाला से जुड़े रहे पत्रकार और फिलहाल कांग्रेस के सोशल मीडिया से जुड़े विनोद वर्मा की छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा यूपी के नोएडा आवास से देर रात गिरफ्तारी कम से कम यही बताती है कि बोलोगे तो फंसोगे. वर्मा से इंदिरापुरम थाने में घंटों पूछताछ की गयी फिर उन्हें गाजियाबाद कोर्ट में पेश किया गया और जो पुलिस उन्हें हवाई जहाज से धरने आई थी, और जिसने उन्हें पकड़ने के लिए सुबह होने तक का इंतज़ार तक नहीं किया वह उन्हें सड़क मार्ग से छत्तीसगढ़ में दस दिन के ट्रांजिट रिमांड पर ले गयी.
विनोद वर्मा का कहना है कि उनके पास सीडी नहीं पेन ड्राइव है और उन्हें उन्हें फंसाया गया है. जबकि रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एच एन सिंह ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि विनोद वर्मा को इंदिरापुरम के वैभव खंड स्थित महागुन मेंशन अपार्टमेंट से रात साढ़े तीन बजे छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम ने गाजियाबाद पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया गया.
रायपुर पुलिस का कहना है कि वर्मा के पास से कम से कम 500 पोर्न सीडी, दो लाख रुपए नकद, लैपटॉप और एक डायरी बरामद की गई है. छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के पंडरी पुलिस स्टेशन में पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ ब्लैकमेल और उगाही का मामला दर्ज किया गया है. रायपुर जिले के पुलिस अधीक्षक संजीव शुक्ला ने बताया कि प्रकाश बजाज नामक व्यक्ति ने रायपुर के पंडरी पुलिस स्टेशन में एक अज्ञात कॉलर द्वारा फोन पर परेशान किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी.
प्रकाश बजाज ने बताया कि फोन करने वाले व्यक्ति ने उससे कहा था कि उसके पास उसके आका की एक सीडी है. फोन करने वाले ने उसे धमकी दी थी कि उसकी मांग पूरी न होने पर वह सीडी बांट देगा. अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान, पुलिस को उस दुकान का पता चला जहां से इस सीडी को कॉपी कराया गया था. दुकानदार ने बताया कि विनोद वर्मा नामक व्यक्ति ने सीडी की एक हजार कॉपी तैयार कराई थी.’
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पुलिस अधिकारी के अनुसार इस मामले में विनोद वर्मा की संलिप्तता का पता चलने के बाद पुलिस ने गाजियाबाद में अपने समकक्ष से संपर्क कर पत्रकार को उसके घर से गिरफ्तार किया और वहां से सीडी तथा अन्य सामग्री जब्त की. पुलिस ने बताया कि विनोद वर्मा पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. विनोद वर्मा छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के संबंधी हैं.
प्रेस क्लब में जुटे पत्रकारों ने इसे ‘प्रेस पर हमला’ करार दिया है. उत्तर प्रदेश पुलिस को ट्वीट कर तमाम पत्रकारों ने कहा कि वर्मा की ‘रहस्मय’ तरीके से गिरफ्तारी प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले के समान है. पुलिस ने माना है कि न एफआईआर में विनोद वर्मा का नाम है, न कहीं उन्होंने फोन किया. न ही उसे पता है कि सीडी में क्या है. बस एक सीडी वाले से मिले नंबर की बुनियाद पर उन्हें गिरफ़्तार किया गया.
इस कांड से जुड़े कुछ अनसुलझे सवाल
• 1. सीडी की कॉपियां बनाने वाले दुकानदार के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की?
• 2. लैंडलाइन पर कई धमकी भरे कॉल आने के बाद भी प्रकाश बजाज अब तक चुप क्यों रहा?
• 3. विनोद वर्मा ने जब किसी को कॉल ही नहीं किया तो उस पर ब्लैकमेलिंग का आरोप क्यों?
• 4. क्या मामला कल ही उठा और पुलिस अचानक सक्रिय हुई या यह शिकायत पहले ही मिलने के बाद कई दिन की कवायद हुई?
• 5. आज के दौर में जब कोई भी वीडियो नेट पर वायरल हो सकता है तो कोई पत्रकार उसकी सीडी क्यों बनवाएगा.
• 6. क्या किसी पार्टी से लगाव रखना या किसी पार्टी से जुड़ाव रखना अपराध है?
छत्तीसगढ़ के कुछ मशहूर सीडी कांड
• 2016 अजीत जोगी व पुत्र के खिलाफ सीडी देने वाले को कांग्रेस में पद देने का ऑफर करते पीसीसी चीफ की सीडी.
• 2016 अंतागढ़ टेप कांड. उपचुनाव में कांग्रेस के मंतूराम को नाम वापस लेने के लिए सौदा करने की सीडी आई.
• 2005 भाजपा सांसद प्रदीप गांधी संसद में सवाल पूछने के एवज में घूस लेते हुए कैमरे में कैद हुए थे.
• 2003 विधायक खरीद-फरोख्त कांड. चुनाव में भाजपा विधायकों को खरीदने की कोशिश हुई थी.
• 2003 में दिलीप सिंह जूदेव का रिश्वत टेप कांड. सीडी में जूदेव कह रहे थे- पैसा खुदा तो नहीं पर खुदा की कसम खुदा से कम भी नहीं.