पंजाब के अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुए ट्रेन हादसे से ढेरों सवाल उठ रहे हैं। रेलवे ट्रैक के पास मेले के आयोजन और रावण दहन की अनुमति कैसे मिली और आयोजन समिति द्वारा अनुमति ली भी गई थी या नहीं? इसके जवाब में दशहरा कमिटी की ओर से लेटर जारी किया गया है। जारी किए गए दो दस्तावेजों में से एक पुलिस को लिखा गया पत्र तो दूसरी पुलिस द्वारा दी गई एनओसी है।
दशहरा समिति को रेलवे ट्रैक के पास आयोजन की अनुमति मिली थी और इसे साबित करते हुए समिति की ओर से पत्र जारी किए गए हैं। पहला पत्र कमिटी की ओर से अमृतसर के गोल्डेन अवेन्यू पर धोबी घाट में लगने वाले मेले में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को दिया गया आवेदन है। वहीं, दूसरा पत्र एएसआई दलजीत सिंह की ओर से दिया गया जवाब है कि उन्हें इस संबंध में कोई आपत्ति नहीं हैं।
अब यह स्पष्ट हो गया है कि पुलिस की ओर से भी कमिटी को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) दिया गया था। पुलिस या स्थानीय प्रशासन की ओर से रेलवे ट्रैक के करीब आयोजन स्थल होने को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई गई थी। हालांकि रेलवे इस मामले में पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि उसे इस बारे में जानकारी व कोई निर्देश नहीं थे।
आपको बता दें कि शुक्रवार शाम यहां लोग पटरियों पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे तभी तेज रफ्तार ट्रेन वहां से गुजरी और लोगों को भागने का मौका भी नहीं मिल पाया। हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। मामले में ट्रेन के ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है।
शनिवार को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अमृतसर पहुंचकर हादसे की जानकारी ली है। राज्य सरकार की तरफ से भी इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ट्रेन हादसे की वजह से अमृतसर-मानवाला सेक्शन पर अभी ट्रेन सेवाएं ठप हैं।