उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में करारी हार झेलने के बाद अब अखिलेश यादव ने भी ईवीएम को इसका ज़िम्मेदार ठहराया है, बता दें कि अखिलेश से पहले मायावती ने भी भाजपा की जीत के पीछे ईवीएम में गड़बड़ी होना बताया था. मायावती ने कहा था कि अगर भाजपा ईमानदार पार्टी है तो उसे चुवाव बैलेट पेपर से कराने चाहिए. बता दें कि निकाय चुनाव में सपा खाता भी नहीं खोल सकी है और अब अखिलेश यादव के बयान ने ईवीएम पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर हार के लिए अप्रत्यक्ष रूप से ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया है। वैसे अखिलेश यादव पहले ऐसे नेता नहीं हैं जिन्होंने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं, इससे पहले भी कई नेता इस बारे में काफी कुछ बोल और कर के देख चुके हैं लेकिन हर चुनाव के बाद ईवीएम का मुद्दा ज़रूर गरमा जाता है ऐसे में अब जनता के मन में सवाल उठने लगे हैं कि क्या सच में ईवीएम की मदद से किसी ख़ास पार्टी को जिताया जा सकता है.
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अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा है, जिन जगहों पर बैलट पेपर से मतदान हुए वहां बीजेपी सिर्फ 15 प्रतिशत सीट ही जीत सकी है, जबकि ईवीएम से हुए मतदान वाली जगहों पर बीजेपी का जीत प्रतिशत 46 है। अखिलेश के इस ट्वीट पर उन्हें काफी ट्रोल भी किया जा रहा है। हालांकि अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के जीत का प्रतिशत नहीं बताया है।
निकाय चुनाव के बाद आज लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के साथ प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने मीडिया को संबोधित किया। चौधरी ने कहा कि भाजपा नगर निकाय चुनाव में बड़ी जीत का दावा कर लोगों को गुमराह कर रही है और गलत जीत का जश्न मन रही है। चौधरी ने कहा कि भाजपा मतदाताओं को गुमराह कर रही है और सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रही है। इस संबंध में पार्टी ने चुनाव आयोग और राज्यपाल को लिखित शिकायत की है।