गैंग रेप और छेड़छाड़ के आरोपी और अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति के मामले में अब अखिलेश यादव भी फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं. रविवार को प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर सवाल किया कि गायत्री प्रजापति क्यों अभी तक कैबिनेट में बने हुए हैं.
चिट्ठी में राज्यपाल ने लिखा है कि, उच्चतम न्यायालय ने कैबिनेट मंत्री, श्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर एक महिला तथा उसकी नाबालिग पुत्री के साथ अपने साथियों सहित सामूहिक दुष्कर्म के आरोप को संज्ञान में लेते हुए गैर जमानती वारण्ट जारी किया है. इस प्रकार के मंत्री के कैबिनेट में बने रहने तथा उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं किये जाने से लोकतांत्रिक शुचिता, संवैधानिक मर्यादा व संवैधानिक नैतिकता का गंभीर प्रश्न उत्पन्न होता है.
राज्यपाल नाईक ने कहा है कि मीडिया में आई खबरों के अनुसार फरार चल रहे उक्त कैबिनेट मंत्री के विदेश भाग जाने की आशंका को देखते हुए गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उनके विरूद्ध न केवल लुक आउट नोटिस जारी किया गया है बल्कि पासपोर्ट प्राधिकारी द्वारा उनका पासपोर्ट भी निलम्बित कर दिया गया है. प्रजापति के राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर रहते हुए कथित रूप से कारित किया गया उपरोक्त आशय का अपराध एक नितान्त गंभीर प्रकृति की घटना है.
राज्यपाल ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि समाचार पत्रों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विभिन्न चैनलों से यह भी ज्ञात होता है कि स्वयं मुख्यमंत्री ने भी सार्वजनिक रूप से कहा है कि प्रजापति को तुरंत आत्म-समर्पण कर देना चाहिए परन्तु जैसा कि ज्ञात होता है कि प्रजापति द्वारा अभी तक आत्म-समर्पण नहीं किया गया है और वह लगातार फरार चल रहे हैं, उनके विदेश भाग जाने की आशंका है.
गायत्री प्रजापति मामले में मामला लगातार बढ़ता जा रहा है जिसके चपेटे में अब अखिलेश यादव खुद फंसते हुए नज़र आ रहे हैं.