after two disasterous train accidents in up suresh prabhu is make his mind to resign

नई दिल्ली: एक हफ्ते के भीतर उत्तर प्रदेश में हुए दो बड़े रेल हादसों के बाद शायद अब सुरेश प्रभु को अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास हो गया है तभी तो रेल हादसों की जिम्मेदारी लेते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने पीएम नरेंद्र मोदी को इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि वो इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं और उन्हें दुर्भाग्यपूर्ण घटना का बेहद दुख है।

बता दें कि प्रभु ने कहा है कि पीएम मोदी को इस्तीफे की पेशकश के बाद पीएम ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा है।बुधवार को एक के बाद एक किए कई ट्वीट्स में उन्होंने न केवल इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी ली, बल्कि अपना पक्ष रखने की भी कोशिश की। बता दें कि पहले उत्कल एक्सप्रेस और फिर कैफियत एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लग रहा है। खुद प्रभु आलोचकों के निशाने पर हैं। विपक्ष ने उनका इस्तीफा मांगा है।

प्रभु ने ट्वीट करके लिखा, ‘मैंने माननीय पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर (इन घटनाओं की) पूरी नैतिक जिम्मेदारी ली है। माननीय पीएम ने मुझे इंतजार करने को कहा है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं, यात्रियों के घायल होने और उनको हुए जानमाल के नुकसान और से बहुत ज्यादा पीड़ा हुई है।’

आगे उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अगुआई में न्यू इंडिया को एक ऐसे रेलवे की जरूरत है जो सक्षम और आधुनिक हो। उन्होंने कहा, ‘मेरा वादा है कि रेलवे उसी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।’ उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में दशकों से तिरस्कृत (रेलवे को) से निकलने के लिए सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध रिफॉर्म्स की कोशिश की, जिसका नतीजन अभूतपूर्व निवेश और उपलब्धियां हासिल हुई हैं। प्रभु ने लिखा, ‘तीन साल से कम वक्त के दौरान बतौर मंत्री रेलवे की बेहतरी के लिए मैंने अपना खून-पसीना बहाया है।’

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