मिनी ट्रक के पलट जाने से लगभग 35 मज़दूर घायल हो गए जिसमें वे यात्रा कर रहे थे। जबलपुर में पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल ले गई।मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक पुलिस अधिकारी एक अस्पताल के अंदर अपनी पीठ पर एक घायल महिला को ले जाते हुए देखा गया । जब वे अस्पताल पहुंचे, तो पुलिसकर्मियों को पता चला कि अस्पताल के अंदर घायल लोगों को लेने के लिए स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं हैं।यह तब है जब पुलिस ने उन्हें अस्पताल के अंदर ले जाने का फ़ैसला किया। सहायक उपनिरीक्षक संतोष सेन, एलआर पटेल और कांस्टेबल अशोक, राजेश और अंकित ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अपनी पीठ पर उठा लिया और उन्हें हताहत विभाग में ले गए।नरसिंहपुर ज़िले में काम कर रहे एक लापता अपराधी को ग़िरफ़्तार करने के दौरान गोलीबारी के दौरान श्री सेन को लगभग 14 साल पहले उनके दाहिने कंधे पर गोली लगी थी। 2006 में उस गोलीबारी के बाद से, अधिकारी को अपने दाहिने हाथ से परेशानी हुई,इसके बावजूद वो अपने कर्त्तव्य से पीछे नहीं हटे और उन्होने घायल लोगो की मदद की। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री सेन के प्रयासों की सराहना की।
एएसआई संतोष सेन पर पूरे मध्यप्रदेश को गर्व है!
संतोष जी युवा पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके जैसे लोग समाज को दिशा दिखाने का कार्य करते हैं। मैं उनके जज़्बे को प्रणाम करता हूँ, उन्हें शुभकामनाएँ देता हूँ और हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। pic.twitter.com/23eEsAQ9xt
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 18, 2020