राजधानी की जिला अदालत ने शनिवार को उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के लिए अग्रिम जमानत की मांग की गई थी। मसूद के खिलाफ पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने को लेकर भादवि की धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया है। इससे पहले उनके खिलाफ धारा १८८ का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने थाने में पेश होकर जमानत हासिल कर ली थी। आरिफ मसूद के खिलाफ ऐसे समय मामला दर्ज किया गया, जब वे राजधानी भोपाल में मौजूद नहीं हैं और बिहार चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में सभाएं ले रहे हैं। अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब मसूद को राहत पाने के लिए हाईकोर्ट की शरण लेना पड़ेगी।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की अग्रिम जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई। मसूद पर भोपाल में फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन करने पर कार्रवाई की गई थी। पुलिस ने इस मामले में पहले धारा 144 के उल्लंघन का केस दर्ज किया था, लेकिन बाद में धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराओं में मसूद समेत 7 लोगों पर एफआईआर की गई।
मसूद ने शुक्रवार को जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आरिफ मसूद की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए शनिवार का समय दिया था। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने प्रकरण की केस डायरी प्रतिवेदन के साथ पेश किया था। दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद न्यायाधीश ने अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।

दो दिन पहले कॉलेज पर कार्रवाई की गई
प्रदर्शन के बाद पुलिस और प्रशासन ने बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में बने मसूद के कॉलेज पर बुलडोजर चलाया। इस दौरान पक्का निर्माण समेत अस्थायी हिस्से को गिराया गया हालांकि कॉलेज बिल्डिंग का मामला हाई कोर्ट में होने के कारण उस पर कार्रवाई नहीं की गई।

यह है पूरा मामला
भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद पर आरोप हैं कि उन्होंने फ्रांस में हुई आतंकी घटना के विरोध में इकबाल मैदान भीड़ को एकत्रित कर लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया है। इस दौरान उन्होंने फ्रांस का झंडा और वहां के राष्ट्रपति का पुतला जलाया था। इस दौरान दिए भाषण में मसूद ने कहा था कि केंद्र और राज्य की हिंदूवादी सरकार के मंत्री भी फ्रांस के कृत्य का समर्थन कर रहे हैं। सरकार ने फ्रांस का विरोध नहीं किया तो हम हिंदुस्तान में भी ईंट से ईंट बजा देंगे।

फ्रांस में क्या हुआ था?
पेरिस के पास कॉन्फ्लांस सेन्ट होनोरिन इलाके में एक टीचर ने पिछले महीने क्लास में पैगम्बर मोहम्मद साहब का कार्टून दिखाया था। इसके बाद हमलावर ने 16 अक्टूबर को टीचर की हत्या कर दी थी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इस घटना को इस्लामी आतंकवाद करार दिया था। हमलावर को पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया था। इसके बाद से मुस्लिम देशों में फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे।

 

ख़ान आशू ,भोपाल ब्यूरो

Adv from Sponsors