हाल के दिनों में राजनीतिक दलों के चंदों पर छिड़ी बहस के बीच एक हैरान करने वाली रिपोर्ट आई है. एडीआर ने खुलासा किया है कि राजनीतिक दलों की आय का 69 फीसदी हिस्सा अघोषित है, यानी पता ही नहीं कि उन्हें यह पैसा कौन दे गया. राजनीतिक दल इन 69 फीसदी रकम की जानकारी आयकर विभाग को नहीं देते हैं.
गौरतलब है कि राजनीतिक दलों को 20 हजार से कम के चंदे को घोषित करने से छूट मिली हुई है. तमाम राजनीतिक दल इसी का फायदा उठा कर अपनी कमाई को 20 हजार से कम की रकम में ही दिखाते हैं, ताकी उन्हें इनके स्त्रोतों के बारे में नहीं बताना पड़े. हैरान करने वाली बात तो यह भी है कि 51 क्षेत्रीय पार्टियों में से 45 पार्टियों ने चुनाव आयोग को अपने चंदे का ब्यौरा ही नहीं दिया है.
एडीआर की यह रिपोर्ट 2004-05 से लेकर 2014-15 के बीच राजनीतिक दलों को मिले चंदे, चुनाव आयोग और आयकर विभाग को जमा की गई रिपोर्ट आधारित है. एडीआर ने इस रिपोर्ट में बताया है कि राजनीतिक दलों की कुल घोषित आय 11,367.34 करोड़ है, जिसमें से 7,832.98 करोड़ रुपए की आय अघोषित है. इतना ही नहीं, अधिकतर क्षेत्रीय पार्टियों ने 2004-05 से अपने चंदे की रिपोर्ट ही जमा नहीं की है.
रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा को इस दौरान कुल 2,125 करोड़ रुपए का चंदा मिला जिसका 65 फीसदी हिस्सा अघोषित है. वहीं कांग्रेस की कुल आय का 83 फीसदी हिस्सा अघोषित जरिए से आया है. जबकि समाजवादी पार्टी को मिले चंदे का 94 फीसदी और अकाली दल को मिले चंदे की 86 फीसदी आय अघोषित स्रोतों से जमा हुई है. रिपोर्ट में घोषित स्रोतों से जमा राजनीतिक दलों की कुल घोषित आय 1,835.63 करोड़ रही जो उनकी कुल कमाई का महज 16 फीसदी है.