आम आदमी पार्टी में राज्यसभा सीट को लेकर घमासान मचा है. कुमार विश्वास की दावेदारी को लेकर पार्टी का एक धड़ा विरोध पर उतारू है. ऐसे में आप प्रमुख केजरीवाल के लोभियों के पार्टी छोड़ने के बयान को सीधे कुमार विश्वास की दावेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है. उधर, संजय सिंह और स्वाति मालिवाल की दावेदारी पर भी पार्टी खामोश है. हालांकि अंदरखाने चर्चा है कि राज्यसभा सीट के लिए नाम तय हो चुके हैं, जिसकी घोषणा अंतिम चरण में की जाएगी, ताकि विरोधियों को ज्यादा समय न मिल सके.
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर संदेश दिया है कि जिन्हें देश के लिए काम करना है, वे पार्टी में आएं. जिन्हें पद और टिकट का लालच है, वे पार्टी छोड़ दें. यह वीडियो पहले का है, जो अक्सर अरविंद केजरीवाल दोहराते रहे हैं. लेकिन ऐसे समय पर इस वीडियो को रीट्विट करने के संकेत स्पष्ट हैं. पार्टी में कुछ दिग्गजों को राज्यसभा में भेजे जाने का इंतजार था. वे इसी लालसा में पार्टी में टिककर अपने लिए समर्थन बढ़ा रहे थे, ताकि राज्यसभा में नाम सामने आने पर पीएसी में उनके नाम का ज्यादा विरोध न हो.
सियासी जानकारों का कहना है कि अगर इनकी महत्वाकांक्षाओं को तुष्ट नहीं किया गया, तो वे कभी भी पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं. पार्टी इस विकट स्थिति से बचने के लिए ही फिलहाल राज्यसभा के उम्मीदवारों का नाम जाहिर करने से बच रही है. इससे पूर्व कुमार विश्वास के समर्थकों ने आप दफ्तर के बाहर नारेबाजी भी की. फिलहाल संजय सिंह के अलावा मीरा सान्याल और स्वाति मालिवाल की चर्चा है. अरविंद केजरीवाल जनहित में महत्वपूर्ण फैसले लेकर अक्सर अपने राजनीतिक विरोधियों को चौंकाते रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अचानक कुछ ऐसे नाम भी सामने आ सकते हैं, जो गैर राजनीतिक, अर्थशास्त्री या कोई समाजसेवी हों.
अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि राज्यसभा में कुछ ऐसे लोग पार्टी की ओर से जाएं, जो मजबूती से पार्टी का पक्ष तो रख ही सकें, साथ ही भाजपा की नीतियों पर भी जमकर हमला बोल सकें. फिलहाल आप में कोई ऐसा महत्वपूर्ण नेता नहीं है, जो भाजपा की आर्थिक नीतियों की तथ्यात्मक आलोचना कर सके. इसलिए अरविंद की लिस्ट में अर्थशास्त्री और विधि विशेषज्ञ के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी भी हैं. अब लोगों की नजर पार्टी की पीएसी बैठक पर टिकी है, जिसमें अरविंद समेत कुल 9 सदस्य हैं.