केंद्र सरकार ने आधार से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि यूआईडीएआई के सीईओ को कोर्ट में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन की इजाजत दी जाए. इस पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने भी कहा कि आधार डाटा की सुरक्षा और इसे लागू करने को लेकर कई तकनीकी पहलू हैं. अन्य जजों से सलाह के बाद पीपीटी के लिए समय निर्धारित किया जाएगा. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में 5 जज आधार से ज़ुडे मामले की सुनवाई कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने 13 मार्च को कहा था कि आधार को  सरकारी सेवाओं के लिए जबरदस्ती लागू नहीं किया जा सकता है, इसलिए फैसला आने तक इसे विभिन्न सेवाओं से लिंक करने की तारीख आगे बढ़ा दी जाए. बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर से आधार लिंक करने को याचिका दायर कर चुनौती की गई है. याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि यह नियम संविधान के आर्टिकल 14, 19 और 21 का उल्लंघन है.

केंद्र सरकार ने सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए   आधार को जरूरी कर दिया है. इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी एजेंसिया योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं करें.

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