मेरे उपर पिता जैसे स्नेह करने वाले और हमारे देश के महत्वपूर्ण सवालों को लेकर अपने संवेदनशीलता के लिए विशेष रूप से मशहूर सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री पी बी सावंत जी आज 91 साल की उम्र में हमारे बीच नहीं रहे ! यह मेरी व्यक्तिगत रूप से मुझे और देश के लिए बहुत ही दुखद समाचार है ! मेरी तरफ से भाव-भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ !
जस्टिस पी बी सावंत जीका 30 जून 1930 को जन्म हुआ था और मुंबई हाईकोर्ट से 1957 सर्वोच्च न्यायालय मे लगभग हर कानूनों के संदर्भ मे वकालत की है!और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से लेकर प्रेसकौन्सिल ऑफ इंडिया के दो बार अध्यक्ष बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था !
सबसे महत्वपूर्ण काम 27 फरवरी 2002 के गोधरा कांड के बाद हुए गुजरात के दंगेकी जाँच की है!जिसमें उनके साथ पूर्व न्यायाधीश कृष्णा अय्यर के अलावा और भी गणमान्य लोग शामिल रहे हैं जिनमें प्रोफेसर घनश्याम शाह,अरुणा राय प्रोफेसर तनिका सरकार जैसे लोगों का समावेश था ! और वह रिपोर्ट आजतक भारत के दंगों के इतिहास का सबसे तफसील से और लगभग गुजरात दंगों की हर जघन्य घटना की जांच कर के पुलिस से लेकर पूर्व गृह मंत्री हरेन पंडया के प्रत्यक्ष साक्षो के आधार पर लिखा गया पाचसौ पन्नोसे ज्यादा है !


और उसी कमिशन की साक्षमे हरेन पंडया ने वर्तमान प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब कैबिनेट की मिटिंग में कहा कि कल से गुजरात में जो भी कुछ होगा उसे रोकने का काम कोई भी नहीं करेंगे ! और यह बात आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट गुजरात के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक श्री आर बी श्रीकुमार के गुजरात बिहाइंड द कर्टन नाम की किताब मे मौजूद है और सबसे चौकानी वाली बात लेफ्टिनेंट जनरल झमिरुद्दींन शाह की सरकारी मुसलमान नमकी किताब और यूटूब पर उनके इंटरव्यू में वह बता रहे हैं और उनके नेतृत्व में 3000 सेना के जवानों को अहमदाबाद एअरपोर्ट पर तीन दिन तक रोक कर रखा था और संपूर्ण गुजरात दंगों की चपेट में जल रहा था ! शायद भारत के आजादी के बाद के किसी भी दंगे मे राज्य सरकार की भुमिका पर तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की टिप्पणी है कि नरेंद्र मोदी जी ने राज धर्म का पालन नहीं किया है ! (अक्तूबर 2001से मई 2014 तक ) और गुजरात के दंगे 2002 को फरवरी 28 से लेकर संपूर्ण मार्च 2002 तक छुटपुट चलता रहा है ! और इस दंगे मे तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी जी को भी जिम्मेदार ठहराने के लिए इस रिपोर्ट मे पर्याप्त सबूत हैं !
हालांकि खुद नरेंद्र मोदी जी ने शहा-नानावटी कमिशन नियुक्त कराकर अपने आप को क्लीन चिट देने का काम कर लिया है ! वह बात दीगर है लेकिन जस्टिस कृष्णा अय्यर के नेतृत्व में क्राईम अगेंस्ट हुमानीटी नामसे प्रकाशित जाँच रिपोर्ट से और राना अयूब के गुजरात फाईल्स तथा सिद्धार्थ वरदराजन और मनोज मित्ता,आर बी श्री कुमार और लेफटनंट जनरल झमिरुद्दींन शाह की सरकारी मुसलमान नामकी किताब और एनडीटीवी आजतक तथा अन्य प्रमुख मिडियाने तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी जी की भुमिका पर सवाल उठाए हैं !
और सबसे बड़ी बात क्राईम अगेंस्ट हुमानीटी नामसे प्रकाशित जाँच रिपोर्ट के कारण ही नरेंद्र मोदी जी को अमेरिका और कईयों देशोने अपने देश में इन्हें आने के लिए मना कर दिया था विसा बंदी ! जिसमे मुख्य रूप से कृष्णा अय्यर और पी बी सावंत की भुमिका महत्वपूर्ण थी !
आतंकवाद की गतिविधियों की 1जून 2006 नागपुर संघ मुख्यालय 6 अप्रैल 2006 नांदेड बम ब्लास्ट मालेगाँव विस्फोट के दोनों हादसेके और मुंबई में 26/11 और उसके पहले भी जो भी कुछ आतंकवादी हमले की घटनाओं पर कईयों ने सवाल उठाया है जिसमें खुद जस्टिस सावंत जी भी एक थे ! हमने और कुछ और साथियों के साथ की गई जाँच करने के काम को प्रोत्साहन देने वाले लोगों मे जस्टिस सावंत जी की भुमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है और मुझे बारीकियों से अवगत कराते रहें हैं !
और मेरे इस काम को लेकर काफी चिंतित भी रहते थे ! और उनके इसी सरोकार के कारण वह मुझे बहुत ही मौलिक मार्गदर्शन करते थे ! इस कारण आज सुबह ही उनके मृत्यु की खबर पुणे के एक मित्र द्वारा पता चला तबसे मै काफी विचलित हो गया था! बडी मुश्किल से अपने आप को सम्हालते हुए मै यह पोस्ट लिख रहा हूँ !
आज समस्त भारत में भयपर्व जारी है और उसमें जस्टिस सावंत जैसे कान्शंस कीपर के चले जाने के बाद भारत में और कितने लोग है जो निर्भय होकर वर्तमान स्थिति पर भुमिका लेकर देश की स्थिति पर बोलते हुए दिखाई देते हैं ?
बैरिस्टर वी एम तारकुंडे जी के बाद और कितने लोग है जो निर्भय होकर वर्तमान स्थिति पर भुमिका लेकर दलित ,अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को और आदिवासी समुदाय के लोगों को और मुख्यतः भारत की आधी आबादी महिलाओके उपर हो रहे अन्याय अत्यचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं और यह बात जस्टिस सावंत जैसे कान्शंस कीपर के चले जाने के बाद और ज्यादा अखरती है ऐसी शख्सियत का चले जाना भारत के सभी सताये जा रहे लोगों को अनाथ महसूस हो रहा है !


डॉ सुरेश खैरनार 15 फरवरी 2021,नागपुर

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