वक्फ प्रबंधन ने की बिना वजह घुसे रहने वालों पर लगाम की तैयारी
वक्फ दफ्तर के गलियारों में सजे रहने, अधिकारियों-कर्मचारियों से बिना वजह मुलाकात करने और बाहर पहुंचकर लोगों से काम करवाने की सुपारी उठाने वालों की अब खैर नहीं है। मप्र वक्फ बोर्ड ने ऐसे लोगों पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है। वक्फ दलाली में सक्रिय ऐसे लोगों को न सिर्फ चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, बल्कि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का मन भी वक्फ प्रबंधन ने बना लिया है।
मप्र वक्फ बोर्ड के सीइओ जमील खान ने बताया कि उनकी जानकारी में लंबे समय से यह चर्चा आ रही है कि कुछ लोग बेवजह वक्फ बोर्ड दफ्तर में आना-जाना बनाए रखते हैं। ऐसे लोगों का वक्फ की किसी संपत्ति, कमेटी या अन्य विभागीय मामले से कोई ताल्लुक नहीं है। इसके बाद भी यह अफसरों और कर्मचारियों से मुलाकात बढ़ाकर इसको अन्य लोगों में इस तरह पेश कर रहे हैं कि उनके गहरे ताल्लुकात किसी भी काम को आसानी से करवाने की ताकत रखते हैं।
जमील खान ने कहा कि बोर्ड का काम नियमों और प्रक्रिया के मुताबिक ही किया जाता है और किया जा रहा है, इसमें किसी के दखल या सिफारिश की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने वक्फ मुतवल्लियों, किरायादारों और अन्य तरह से वक्फ से जुड़े लोगों को आगाह किया है किसी भी दलाल से इस तरह का कोई सौदा न करें और उनसे कोई आर्थिक लेनदेन न करें। सीइओ ने कहा कि किसी बाहरी व्यक्ति से या बोर्ड के कर्मचारियों से किसी तरह के लेनदेन की फरमाईश आती है तो उसकी तत्काल सूचना खुद सीइओ को या प्रशासक को दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे दलालों के खिलाफ जल्दी ही कार्यवाही शुरू की जा रही है। फिलहाल ऐसे लोगों की सूची बनाना शुरू कर दी गई है। इनको चिन्हित करने के बाद इनके खिलाफ एफआईआर की जाएगी और उनके साथ कानूनी व्यवहार किया जाएगा।
क्यों बने हालात
सूत्रों का कहना है कि पिछले लंबे समय से मप्र वक्फ बोर्ड में कोई ओहदेदार मौजूद नहीं है। ऐसे में यहां की व्यवस्था प्रशासनिक अधिकारियों के भरोसे चल रही है। कुछ समय पहले यहां प्रशासक और सीइओ के रूप में एडीएम और एसडीएम की नियुक्ति हुई हैं। नए अधिकारियों की आमद के साथ ही कुछ वक्फ दलालों ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिए हैं।
बताया जाता है कि इन दलालों की वक्फ बोर्ड कर्मचारियों से भी सांठगांठ है और इनसे मिली जानकारी को यह अपनी दलाली का साधन बना लेते हैं। कमेटियों के रिन्यूअल से लेकर नई कमेटियों के गठन तक की जानकारी इनके पास होती है। जिसके आधार पर यह नई कमेटी बनवाने के ख्वाहिशमंद या पुरानी कमेटी के रिन्यूवल कराने के इच्छुक लोगों से सौदा करने पहुंच जाते हैं।
वक्फ दफ्तर में रोजाना हाजिरी लगाकर यह इस बात को साबित करने में भी कामयाब हो जाते हैं कि उनके अधिकारियों से अच्छे संबंध हैं और वे उनका काम चटपट करवाकर दे देंगे। बताया जाता है कि इन कामों के बदले यह दलाल मोटी रकम की मांग भी कर रहे हैं और कई लोग इनके चंगुल में फंस भी चुके हैं।
खान अशु