साहित्यकारों, पत्रकारों, संस्कृति कर्मियों को प्रताड़ित करने के विरोध में भोपाल में मानव श्रृंखला बनाई गई

भोपाल, 27 नवंबर: सरकार की जन विरोधी नीतियों से असहमति रखने और इसका विरोध करने वाले साहित्यकारों, पत्रकारों, संस्कृति कर्मियों, बुद्धिजीवियों को प्रताड़ित करने, अवैध रूप से हिरासत में रखने और फर्जी प्रकरण बनाने के प्रतिरोध में भोपाल में एक मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। इस मानव श्रृंखला के दौरान देश भर में संस्कृतिकर्मि यों के एकजुट प्रतिरोध का आह्वान किया गया।

प्रतिरोध के दौरान प्रगतिशील लेखक संघ के प्रदेश महासचिव शैलेंद्र शैली ने कहा कि मौजूदा सरकार अपने विरोध की हर आवाज को दबा देना चाहती है। सरकार की नीतियों का विरोध करने वाले कवि, कलाकार, बुद्धिजीवी, संस्कृतिकर्मी, साहित्यकारों, पत्रकारों को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है और उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया जा रहा है। इसका हम पुरजोर विरोध करते हैं और संस्कृतिकर्मियों की एकता का आह्वान करते हैं।

इस मौके पर वयोवृद्ध पत्रकार और राष्ट्रीय सेक्युलर फोरम के अध्यक्ष लज्जा शंकर हरदेनीय ने कहा कि मोदी सरकार अभूतपूर्व ढंग से अपने विरोध की आवाजों को दबा रही है। सरकारें पहले भी अपने राजनीतिक विरोधियों पर कार्रवाई करती रही हैं, लेकिन झूठे मुकदमे, प्रताड़ना, विरोध को कुचलने की जो कार्रवाईयां इस सरकार ने अपनाई हैं, वे बेहद घृणित हैं। इस सरकार की नीतियों का विरोध करना ही देशप्रेम है, क्योंकि यह सरकार विरोध को कुचलकर देश बेचना चाहती है।

यह प्रतिरोध और मानव श्रृंखला पहले स्थानीय इकबाल मैदान में आयोजित की जानी थी, लेकिन अंतिम समय पर प्रशासन ने वहां विरोध नहीं करने दिया आखिर प्रदर्शनकारियों ने रेतघाट चौराहा वीआईपी
रोड मानव श्रृंखला का आयोजन किया।

विरोध प्रदर्शन में भारत ज्ञान विज्ञान समिति की अध्यक्ष आशा मिश्रा, एडवा की नीना मिश्रा, प्रगतिशील लेखक संघ की सचिव और कवि आरती, एटक के उप महासचिव शिव शंकर मौर्य, सीपीआई के राज्य सचिव मंडल के सदस्य रूप सिंह चौहान, इप्टा के राज्य सचिव सचिन श्रीवास्तव, कॉमरेड नबाब खान, मुन्ने खां, शेर सिंह, खुशबू, सायरा, निगहत, फरहा, साहिबा, अनम, चंदा आदि मौजूद थे।

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