नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता से वादा किया था कि 15 जून तक उत्तर प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया जाएगा लेकिन 15 जून से ठीक एक दिन पहले ही सरकार अपने हाथ खड़े कर चुकी है. सरकार का मानना है कि वह इस लक्ष्य को पूरी तरह से हासिल करने से चूक सकती है। सरकार की तरफ से अभी तक जितने भी कार्य किए गये हैं उन सभी कार्यों की तरह अब यह कार्य भी सरकार ने अधूरा छोड़ दिया है.
इसके बाद अब एक बार फिर सरकार पर सवाल उठाना लाज़मी हैं. एक इंटरव्यू में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि 80-85% सड़कें गड्ढामुक्त हो चुकी हैं जबकि अगर आंकड़ों को देखा जाए तो पुरानी सरकार से लेकर नई सरकार के आने के बाद से अब तक उत्तर प्रदेश की सड़कों के गड्ढों की हालत में नाम मात्र की ही तब्दीली आई है और सरकार सिर्फ बड़े-बड़े वादे ही करती नज़र आ रही है. अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर इन हवाई वादों का फायदा प्रदेश की जनता को कैसे मिलेगा.
उत्तर प्रदेश में सरकार बनते ही योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले अवैध बूचडखानों पर रोक लगवा दी थी जिसका देश भर में जमकर विरोध हुआ था. इसके बाद योगी ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ‘एंटी रोमियो स्क्वाड’ बनाया लेकिन यह भी कुछ ख़ास नहीं कर सका उल्टा एंटी रोमियो स्क्वाड के ऊपर अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे. अब गड्ढा मुक्त सड़के देने के लिए सरकार के पास सिर्फ एक दिन का समय रह गया है देखते हैं. समय अवधि ख़त्म होने के बाद प्रदेश की जनता ये ज़रूर जानना चाहेगी कि आखिर यूपी की कितनी सडकें गड्ढा मुक्त हुईं हैं.